सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (IT Sector) के शेयरों ने बिकवाली के नए दौर का सामना किया जब विकसित दुनिया में मांग में नरमी के माहौल ने निवेशकों को परेशान किया। इस बार चिंता अमेरिकी आईटी सेवा फर्म ईपैम सिस्टम्स के कमजोर राजस्व अनुमान से शुरू हुई।
निफ्टी आईटी इंडेक्स 550 अंक यानी 1.9 फीसदी की गिरावट के साथ 18,689 पर बंद हुआ, जो 17 अप्रैल के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। इसकी तुलना में निफ्टी-50 इंडेक्स 5 अंक चढ़ गया।
छोटे व मध्यम आकार वाली आईटी फर्मों परसिस्टेंट सिस्टम्स, कोफोर्ज व एम्फैसिस के शेयरों की कीमतों में करीब 4-4 फीसदी की गिरावट आई। इस बीच, अग्रणी फर्मों टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, टीसीएस और विप्रो में एक फीसदी से लेकर 1.8 फीसदी के बीच नरमी दर्ज हुई और ये चारों निफ्टी में गिरावट वाले चार अग्रणी शेयर रहे।
ईपैम ने साल 2023 के लिए राजस्व में बढ़त के परिदृश्य में 5 फीसदी की कटौती की है। कंपनी को लगता है कि डिस्क्रिशनरी खर्च में सुधार आने में दो से चार तिमाही लग सकते हैं। राजस्व अनुमान में कमी क्लाइंटों की तरफ से डिस्क्रिशनरी खर्च से जुड़ी गतिविधियों में व्यापक आधार की नरमी और विभिन्न उद्योग वर्टिकल व इलाकों में राजस्व में गिरावट के अनुमान के आधार पर की गई है। साथ ही कीमत संवेदी बाजार में ज्यादा कीमत हासिल करने में अक्षमता का भी इसमें योगदान है।
विश्लेषकों ने कहा कि क्लाइंटों की तरफ से फैसले लेने में देरी और डिक्रिशनरी खर्च से हाथ खींचने का असर भारतीय आईटी की बढ़त पर दिखेगा।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है, क्लाइंटों की तरफ से फैसला लेने में देरी और डिस्क्रिशनरी खर्च में कमी का भारतीय आईटी सेवा की रफ्तार पर असर पड़ेगा। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में विभिन्न कंपनियों का राजस्व वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही के मुकाबले कमजोर रहेगा। हमारा यह भी मानना है कि खास तौर से वित्तीय सेवा व तकनीकी क्षेत्र में मांग का माहौल कमजोर है।
नोट में कहा गया है, कमजोर मांग को देखते हुए हमें पिछले महीने हमारे कवरेज वाले सभी शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी ने चौंकाया है। हमारा मानना है कि इन्फोसिस व एचसीएल टेक में बढ़ोतरी अभी भी मौजूद है लेकिन हम अन्य कंपनियों को लेकर चिंतित हैं।
निफ्टी आईटी इंडेक्स मई में 5.8 फीसदी चढ़ा था और सालाना नुकसान की उसने भरपाई कर ली थी। कैलेंडर वर्ष 2023 आईटी शेयरों के लिए झंझावात से भरा रहा है। निफ्टी आईटी इंडेक्स 16 फरवरी को साल के सर्वोच्च स्तर 31,434 पर पहुंचा था, जो 20 अप्रैल को घटकर 26,637 तक आ गया। यह बिकवाली इन्फोसिस के कमजोर नतीजों व आय अनुमान के बाद शुरू हुई जब अमेरिका व यूरोप में बैंकिंग संकट चल रहा था।
आईटी शेयरों में खरीदारी की रुचि एक बार फिर तब देखने को मिली जब अमेरिका में नैसडेक इंडेक्स में तेजी आई। हालांकि ईपैम की तरफ से पूरे साल के आय अनुमान में कटौती और राजस्व अनुमान में कमी लाने से परिदृश्य एक बार फिर धुंधला हो गया है।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, आईटी क्षेत्र कुछ वर्षों से एक अंकों में बढ़ोतरी दर्ज कर रहा है। अब यह बढ़त दबाव के घेरे में आ गया है। नियुक्ति का निचले स्तर पर पहुंचना इस दबाव को रेखांकित करता है। कम से कम कुछ तिमाहियों के लिए परिदृश्य नकारात्मक है।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के नोट में कहा गया है कि भारतीय आईटी क्षेत्र में डिक्रिशनरी व रखरखाव खर्च के पोर्टफोलियो को लेकर ज्यादा संतुलन है।