Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की एक और कंपनी शेयर बाजार में एंट्री के लिए तैयार हैं। टाटा कैपिटल ने आईपीओ के लिए सेबी के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल कर दिया है। यह टाटा की प्रमुख नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) है। नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के आईपीओ के बाद यह लगभग दो वर्षों में टाटा समूह का पहला आईपीओ होगा।
टोटल ग्रॉस लोन के हिसाब से टाटा कैपिटल (Tata Capital) भारत की तीसरी सबसे बड़ी डाइवर्सिफाय एनबीएफसी है। एनबीएफसी के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों के अनुसार, टाटा कैपिटल को सितंबर 2025 तक अपना आईपीओ लाना होगा।
टाटा कैपिटल आईपीओ 21 करोड़ इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू है। इसमें बिक्री पेशकश का कंपोनेंट (OFS) शामिल है। डीआरएचपी के अनुसार, प्रोमोटर टाटा संस 23 करोड़ इक्विटी शेयरों का विनिवेश करेगा। जबकि इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) 3.58 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगा। कुल मिलाकर आईपीओ में 47.58 करोड़ शेयर पेशकश के लिए रखें जाएंगे।
वहीं, टाटा कैपिटल आईपीओ का प्राइस बैंड और डेट की घोषणा अभी नहीं हुई है। कंपनी जल्द ही इनका ऐलान कर सकती है। साथ ही टाटा कैपिटल को ओएफएस से कोई इनकम नहीं रखेगी। इसे अपने शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। साथ ही कंपनी आईपीओ से जुटाने वाली राशि का उपयोग टियर-I शहरों कैपिटल बेस को बढ़ाने के लिए करेगी। इससे भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिसमें आगे उधार देना भी शामिल है।
टाटा कैपिटल ने वित्त वर्ष 2024-25 में मज़बूत फाइनेंशियल परफॉर्मेंस दर्ज किया। इस दौरान कंपनी नेट मुनाफा लगभग 10 फीसदी बढ़कर 3,655 करोड़ रुपये हो गया। जबकि ऑपरेशन से रेवेन्यू 57 फीसदी बढ़कर 25,719 करोड़ रुपये रहा। 31 मार्च, 2025 तक कंपनी की लोन बुक 2.26 लाख करोड़ रुपये की थी। इससे यह भारत की तीसरी सबसे बड़ी डाइवर्सिफाई एनबीएफसी बन गई।
टाटा कैपिटल आईपीओ को कोटक महिंद्रा कैपिटल, एक्सिस कैपिटल, सिटी, बीएनपी पारिबा, एचडीएफसी बैंक, एचएसबीसी, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, आईआईएफएल, एसबीआई कैपिटल और जेपी मॉर्गन समेत कई शीर्ष निवेश बैंकों की तरफ से मैनेज किया जा रहा है। एमयूएफजी इनटाइम इसका रजिस्ट्रार है।