IPOs Performance 2025: भारतीय शेयर बाजारों के लिए साल 2025 की शुरुआत अच्छी नहीं रही। 2024 के शुरुआती आठ महीनों में जोरदार प्रदर्शन करने के बाद से बाजार में कमजोरी देखने को मिली। वहीं, 2025 में बाजार बुरी तरह फिसल गया। हालांकि, बाजार में गिरावट के बावजूद कुछ इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) ऐसे रहे जिन्होंने न सिर्फ अच्छा परफॉर्म किया बल्कि निवेशकों को लिस्टिंग गेन भी दिलवाया।
बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक केवल 11 मेनबोर्ड कंपनियों ने शेयर बाजार में एंट्री की है और इनका प्रदर्शन मिलाजुला रहा है। यह ब्रोडर मार्केट में अस्थिरता को दर्शाता है। इनमें केवल पांच स्टॉक ही ऐसे है जो फिलहाल अपने इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। जबकि बाकी छह शेयर अपने प्राइस बैंड से नीचे चल रहे हैं।
शेयर बाजार में कमजोर सेंटीमेंट के बावजूद साल 2025 के पांच आईपीओ जो अपने प्राइस बैंड से ऊपर कारोबार कर रहे हैं;
क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक के शेयर 14 जनवरी को बीएसई पर ₹374 प्रति शेयर पर लिस्ट हुए थे। यह 290 रुपये के प्राइस बैंड से 29% ज्यादा है। वहीं, एनएसई पर स्टॉक ₹370 के भाव पर लिस्ट हुआ था जो इश्यू प्राइस की तुलना में 27.5% का लिस्टिंग गेन दर्शाता है।
क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक का शेयर लिस्ट होने के बाद चढ़ता गया। यह 6 फरवरी को 743 रुपये के अपने 52 वीक हाई पर पहुंच गया। हालांकि, बाद में शेयर में गिरावट देखी गई। 25 फरवरी को बीएसई पर शेयर 479 रुपये के भाव पर बंद हुआ। इस तरह से शेयर का वर्तमान प्राइस प्राइस बैंड और लिस्टिंग प्राइस दोनों से ऊपर बना हुआ है।
कैपिटल इंफ्रा ट्रस्ट इन्वित का आईपीओ 17 जनवरी को एनएसई और बीएसई पर 99 रुपये के भाव पर सपाट लिस्ट हुआ था। इसका प्राइस बैंड 99 रुपये रखा गया था। 25 फरवरी को शेयर 100 रुपये के भाव पर बंद हुआ, जो कि इश्यू प्राइस से थोड़ा ऊपर है।
डेंटा वॉटर और इंफ्रा सॉल्यूशंस का 29 जनवरी को बाजार में मजबूत शुरुआत के साथ एनएसई पर 325 रुपये के भाव पर लिस्ट हुआ था। आईपीओ का प्राइस बैंड 294 रखा गया था। इस तरह से निवेशकों को 10.54% का लिस्टिंग गेन मिला था। वहीं, बीएसई पर स्टॉक 330 रुपये के भाव पर लिस्ट हुआ था, जो इश्यू प्राइस से 12.24% ज्यादा है।
डेंटा वॉटर और इंफ्रा सॉल्यूशंस के शेयर बीएसई पर 25 फरवरी को 9.35% गिरकर 311 रुपये के भाव पर बंद हुए। इसके बावजूद शेयर इश्यू प्राइस से 6% अधिक पर कारोबार कर रहे हैं।
डॉ अग्रवाल हेल्थ केयर का आईपीओ 4 फरवरी को एनएसई पर 402 रुपते के भाव पर सपाट लिस्ट हुआ था। जबकि बीएसई पर शेयर 1.27% के डिस्काउंट के साथ 396.90 रुपये पर लिस्ट हुआ था। हालांकि, शेयर 13 फरवरी को 463.85 रुपये के 52 वीक हाई पर पहुंच गए थे। वहीं, 25 फरवरी को बीएसई पर शेयर 405 रुपये के भाव पर बंद हुए, जो इश्यू प्राइस से ऊपर है।
हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीस का आईपीओ 19 फरवरी को एनएसई पर 745.50 रुपये के भाव पर लिस्ट हुआ था। जबकि इसका प्राइस बैंड 708 रुपये था। इस तरह से निवेशकों को कमजोर बाजार में 5.29% का लिस्टिंग गेन मिला था। बाद में शेयर में अच्छी तेजी देखना को मिली थी और यह 24 फरवरी को 840.55 रुपये के अपने 52 वीक हाई पर पहुंच गया था। वहीं, 25 फरवरी को बीएसई पर शेयर 823.25 रुपये के भाव पर बंद हुआ, जो 708 रुपये के प्राइस बैंड के मुकाबले 16% ज्यादा है।
PrimeDatabase के अनुसार, अब तक 44 कंपनियों को मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) से आईपीओ लाने की मंजूरी मिल चुकी है। ये कंपनियां कुल मिलाकर ₹66,095 करोड़ जुटाने की तैयारी में हैं। इसके अलावा 67 और कंपनियों ने पब्लिक होने के लिए सेबी की मंजूरी के इंतजार में हैं। यह दर्शाता है कि आईपीओ की लाइन लंबी है, लेकिन निवेशकों का मूड थोड़ा ठंडा दिख रहा है।
हालांकि, पैंटोमैथ फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख महावीर लुनावत को आईपीओ मार्केट को लेकर ज्यादा चिंता नहीं है। उनका कहना है कि एक बार जब सेकेंडरी मार्केट स्थिर हो जाएगा, तो आईपीओ का जोश भी लौट आएगा।
उन्होंने कहा, “जब सेकेंडरी मार्केट स्थिर हो जाएगा, तो IPO बाज़ार भी फिर से रफ्तार पकड़ लेगा। इस साल कंपनियां करीब ₹2 लाख करोड़ जुटा सकती हैं और अगले दो वर्षों में करीब 1000 कंपनियां IPO लाने की योजना बना रही हैं।”