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अभी और गुलजार होगा IPO बाजार, फर्राटा भरेगा दलाल पथ

अगर चारों आईपीओ कामयाब रहते हैं तो नवंबर में आईपीओ से 8,500 करोड़ जुटाए जाएंगे

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सुन्दर सेतुरामन   
समी मोडक   
Last Updated- November 14, 2023 | 10:14 PM IST

दीवाली की रौनक दलाल पथ पर अगले हफ्ते भी बने रहने की उम्मीद है क्योंकि चार कंपनियां अपने-अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये संयुक्त रूप से करीब 6,600 करोड़ रुपये जुटाने जा रही हैं। रकम जुटाए जाने के लिहाज से यह सप्ताह कैलेंडर वर्ष 2023 का व्यस्ततम सप्ताह होने जा रहा है।

टाटा मोटर्स की सहायक टाटा टेक्नोलॉजिज (टाटा टेक) इसकी अगुआई कर सकती है, जो अपने आईपीओ के जरिये 2,900 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटा सकती है। यह करीब दो दशक में टाटा समूह का पहला आईपीओ होगा। इस समूह का पिछला आईपीओ सबसे मूल्यवान कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का था जो 2004 में आया था।

सरकारी स्वामित्व वाली बिजली परियोजना की वित्त पोषक इंडियन रीन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी भी 2,100 करोड़ रुपये से ज्यादा का आईपीओ पेश करेगी। अन्य दो पेशकश फेडरल बैंक की रिटेल केंद्रित एनबीएफसी इकाई फेडबैंक फाइनैंशियल सर्विसेज (फेडफिना) और उपभोक्ता तेल विनिर्माता गांधार ऑयल रिफाइनरी (इंडिया) की होंगी।

इस बाबत उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि बाजार के चुनौतीपूर्ण हालात के बावजूद कंपनियां राज्यों के चुनाव व साल के आखिर में एफपीआई की छुट्टी के सीजन से पहले शेयर बिक्री कर रकम जुटाने की इच्छुक हैं। उनका कहना है कि अक्टूबर में झंझावात के बाद ये चार आईपीओ एक बार फिर प्राथमिक बाजार में शेयर बिक्री पर निवेशकों की दिलचस्पी देखेंगे।

ये आईपीओ ऐसे समय आ रहे हैं जब एफपीआई लगातार तीसरे महीने शुद्ध बिकवाल बने रह सकते हैं। सितंबर से एफपीआई ने 40,000 करोड़ रुपये (करीब 5 अरब डॉलर) के देसी शेयरों की बिकवाली की है।
बैंकरों ने कहा कि देसी फंडों की तरफ से नकदी का समर्थन अच्छी मांग सुनिश्चित करेगा।

इक्विरस कैपिटल के संस्थापक अजय गर्ग ने कहा, 20 साल पहले आईपीओ बाजार में एफपीआई और खुदरा निवेशकों का वर्चस्व था और एचएनआई, एफपीआई की राह पर चलते थे। अब बाजार में देसी संस्थागत निवेशकों का वर्चस्व है। पिछले तीन साल से एफपीआई भारतीय बाजार को लेकर ढलमुल रहे हैं। लेकिन देसी निवेशक लगातार खरीदारी कर रहे हैं। मजबूत देसी निवेश से आकर्षक मूल्यांकन वाली अच्छी कंपनी के शेयरों को खरीदार मिलेंगे।

अगर चारों आईपीओ कामयाब रहते हैं तो नवंबर में आईपीओ के जरिये करीब 8,500 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे और यह सितंबर के बाद दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा होगा क्योंकि तब 12,000 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि एफपीआई की बिकवाली के बीच सौदों में लगातार हो रहे निवेश से संकेत मिलता है कि देसी बाजार परिपक्व हो गया है।

पैंटोमैथ एडवाइजरी सर्विसज के संस्थापक महावीर लूणावत ने कहा कि भारतीय बाजारों ने मोटे तौर पर वैश्विक बाधाओं को दरकिनार किया है फिर चाहे भूराजनीतिक हालात हों या फिर दरों में बढ़ोतरी का परिदृश्य। वैश्विक अवरोधों का पिछले कुछ वर्षों में बाजार पर कोई दीर्घावधि असर नहीं रहा है। इसकी वजह देसी रकम है। भारतीय बाजारों में घरेलू बटत की आवक और निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी ने भारतीय बाजारों को मोटे तौर पर सुदृढ़ बनाया है।

हालांकि बाजार के चुनौतीपूर्ण हालात के साथ तालमेल बिठाने के लिए कुछ कंपनियों को अपने आईपीओ का आकार घटाना पड़ा। उदाहरण के लिए टाटा टेक को अपने आईपीओ का आकार एक तिहाई से ज्यादा घटाना पड़ा। मार्च में जब कंपनी ने विवरणिका का मसौदा (डीआरएचपी) बाजार नियामक के पास जमा कराया था तब उसने 9.57 करोड़ शेयर यानी 23.6 फीसदी इक्विटी बेचने का इरादा जताया था।

ताजा विवरणिका के मुताबिक टाटा टेक के आईपीओ में 6.08 करोड़ शेयरों की बिक्री होगी। अक्टूबर में टाटा मोटर्स ने टाटा टेक की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी प्राइवेट इक्विटी दिग्गज टीपीजी की अगुआई वाले निवेशकों को 1,613.7 करोड़ रुपये में बेच दी।

First Published : November 14, 2023 | 9:41 PM IST