शेयर बाजार में तेजी के बीच सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेशकों का भरोसा बरकरार है। यही कारण है कि मई में महज 6,60,000 एसआईपी खाते बंद हुए जो जून 2020 के बाद सबसे कम है। शेयर बाजार में तेजी के कारण इन योजनाओं में निवशकों की दिलचस्पी बरकरार रही क्योंकि बाजार में तेजी से रिटर्न और निवेशक धारणा को बल मिला। परिणामस्वरूप कई निवेशकों ने अपने मासिक निवेशक को जारी रखने का निर्णय लिया।
मई में बेंचमार्क निफ्ट में करीब 7 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई और वह फरवरी की अपनी सर्वकालिक ऊंचाई को पार कर गया। पिछले कुछ महीनों के दौरान एसआईपी खातों के बंद होने के आंकड़े 7,00,000 से 8,00,000 के दायरे में रहे हैं। इस आंकड़े मेें एसआईपी के उन खातों को शामिल किया गया है जो समय से पहले बंद हो गए अथवा जिनकी परिपक्वता अवधि पूरी हो गई।
क्वांटम एएमसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी जिमी पटेल ने कहा, ‘मौजूदा वैश्विक महामारी के बावजूद उद्योग ने इक्विटी फंडों में शुद्ध प्रवाह को बरकरार रखा है। मैं समझता हूं कि बाजार में तेजी और दीर्घावधि रिटर्न को देखते हुए निवेशकों एसआईपी में निवेश करना जारी रखा है।’
मई में न केवल एसआईपी खातों के बंद होने में कमी आई है बल्कि महीने के दौरान पंजीकृत नए एसआईपी खातों की संख्या अप्रैल के मुकाबले कहीं अधिक है। मई में उद्योग द्वारा 15.4 लाख नए एसआईपी खाते पंजीकृत किए गए जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा 14 लाख का था। बाजार के प्रतिभागियों का कहना है कि जो लोग इंतजार कर रहे थे, वे भी म्युचुअल फंड में निवेश शुरू कर चुके हैं।
एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एनएस वेंकटेश ने कहा, ‘खुदरा एसआईपी खाते, एसआईपी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) और एसआईपी योगदान से आमतौर पर म्युचुअल फंड उद्योग में खुदरा गतिविधियों का पता चलता है। चालू वित्त वर्ष के दूसरे महीने के दौरान इन सब में तेजी का रुझान दिखा जिससे समग्र उद्योग की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 33.05 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई और 10 करोड़ फोलियो पर पहुंच गई।’
अप्रैल के मुकाबले मई में एसआईपी के जरिये निवेश में भी वृद्धि दर्ज की गई। मई में एसआईपी का योगदान 8,819 करोड़ रुपये रहा जो अप्रैल मेंं 8,590 करोड़ रुपये रहा था। एसआईपी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां बढ़कर 4.67 लाख करोड़ रुपये हो गई।
आमतौर पर निवेशक तीन साल के लिए एसआईपी का पंजीकरण करते हैं और रिटर्न सकारात्मक रहने पर वे अपने निवेश को जारी रखते हैं। पिछले तीन साल के दौरान लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों ने औसतन 13 से 14 फीसदी का रिटर्न दिया है। पिछले एक साल के दौरान लार्जकैप ने 55 फीसदी और मिडकैप ने 74 फीसदी रिटर्न दिया है, लेकिन स्मॉलकैप फंडों ने 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है।