इक्विटी फंडों ने अप्रैल में लगातार दूसरे महीने निवेशकों की तरफ से शुद्ध निवेश हासिल किया, हालांकि यह मार्च के मुकाबले काफी कम रहा। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी योजनाओं में अप्रैल के दौरान शुद्ध रूप से 3,437 करोड़ रुपये का निवेश हुआ जबकि मार्च में 9,115 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, जब आठ महीने के अंतराल के बाद निवेश का प्रवाह सकारात्मक हुआ था।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि अप्रैल में निवेश के कम आंकड़ों की मुख्य वजह कोविड-19 महमारी की दूसरी लहर के कारण पैदा हुआ अवरोध था। उनका हालांकि यह मानना है कि इक्विटी फंडों के लिए बुरे दिन पीछे रह गए हैं क्योंकि पिछले कुछ महीनों में निवेश निकासी में काफी कमी दर्ज हुई है।
सुंदरम म्युचुअल फंड के प्रबंध निदेशक सुनील सुब्रमण्यम ने कहा, अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर के कारण पड़े असर के बावजूद निवेश बना रहा। यहां तक कि पिछले कुछ महीनों में निवेश निकासी घटी है, जिसका मतलब यह है कि मुनाफावसूली कर रहे निवेशकों ने अब इससे काफी दूरी बना ली है और अब घबराहट की कोई बात नहीं है।
अप्रैल में इक्विटी फंडों में सकल निवेश 22,077 करोड़ रुपये रहा, वहीं निवेश निकासी 18,694 करोड़ रुपये रही। मार्च में भी इक्विटी फंडों से निवेश निकासी 18,908 करोड़ रुपये रही थी। यह जानकारी एम्फी के आंकड़ों से मिली। मॉर्निंगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, मार्च के मुकाबले इक्विटी योजनाओं में निवेश कम रहा, जो बताता है कि कुछ निवेशकों ने अर्थव्यवस्था पर कोरोना की दूसरी लहर का असर स्पष्ट होने तक इससे दूर रहना ठीक समझा होगा। इसके अतिरिक्त कुछ निवेशकों ने मौजूदा चिंता को देखते हुए बाजार में गिरावट के अनुमान में अपना निवेश रोक रखा होगा। इक्विटी योजनाओं की सात में से 11 उप श्रेणियों में शुद्ध निवेश देखा गया, वहीं क्षेत्रीय फंडों ने सबसे ज्यादा 1,705 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया। मिडकैप व लार्जकैप में क्रमश: 958 व 708 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। कुल मिलाकर इक्विटी योजनाओं में शुद्ध प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 9.91 लाख करोड़ रुपये रही।
एसआईपी के जरिए भी निवेश अप्रैल में घटकर 8,590 करोड़ रुपये रह गया, जो मार्च में 9,182 करोड़ रुपये रहा था। एसआईपी का एयूएम बढ़कर 4.34 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अन्य श्रेणियों मसलन हाइब्रिड योजनाओं व पैसिव योजनाओं में भी शुद्ध निवेश हुआ।
फंड्सइंडिया के शोध प्रमुख अरुण कुमार का मानना है कि इक्विटी योजनाओं में निवेश को लेकर जोखिम इक्विटी बाजार में तेज गिरावट है। उन्होंने कहा, एक ओर जहां कुल मिलाकर निवेश का रुख सकारात्मक बना रहा, वहीं कोविड-19 के मामलों में हुई हाल में बढ़ोतरी चिंता का विषय है और हमें निवेशकों के सेंंटिमेंट और व्यवहार पर अल्पावधि में पडऩे वाले असर की निगरानी करने की दरकार है। डेट योजनाओं में भी शुद्ध रूप से करीब 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ। लिक्विड फंड श्रेणी में 41,507 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, वहीं मनी मार्केट फंड में शुद्ध निवेश 20,286 करोड़ रुपये रहा। कुल मिलाकर म्युचुअल फंड उद्योग में शुद्ध रूप से 92,906 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, वहीं कुल उद्योग का एयूएम अप्रैल के आखिर में 32.37 लाख करोड़ रुपये रहा।