इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) का शेयर वित्त वर्ष 2025 में दो अंक की वृद्धि की उम्मीद, दमदार मध्यावधि परिदृश्य और कम लागत की वजह से अपने
सर्वाधिक ऊंचे स्तरों पर पहुंच गया है। इससे कंपनी को अपना प्रतिफल और मुनाफा सुधारने में मदद मिल सकती है। यह शेयर फरवरी के शुरू से अब तक 24 प्रतिशत तक चढ़ा है और अभी 3,544 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है।
वित्त वर्ष 2025 में देश की सबसे बड़ी एयरलाइन को कमजोर दो अंक की यात्री वृद्धि दर्ज किए जाने की उम्मीद है और उसने सालाना आधार पर यह क्षमता 11 से 13 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 10 नए शहरों को भी जोड़ने की योजना बनाई है।
कंपनी प्रति सप्ताह एक विमान से ज्यादा शामिल करना चाहती है। मौजूदा ऑर्डर बुक 960 है और 2023 में दिए गए 500 विमानों के ऑर्डरों से डिलिवरी में सुधार आने की संभावना है। जहां परिचालन से दूर और जमीन पर खड़े विमानों की संख्या इस समय 70 से ज्यादा है, वहीं क्षमता वृद्धि और डैम्प लीज, लीज विस्तार और पुराने विमानों को फिर से शामिल करने जैसे उपायों से इंडिगो पर बंद विमानों का ज्यादा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।
प्रभुदास लीलाधर रिसर्च के विश्लेषकों जिनेश जोशी और स्तुति बेरिया के अनुसार प्रैट ऐंड व्हिटनी में इंजन समस्याएं बढ़ने के बावजूद शुरुआती दो अंक की वृद्धि का अनुमान इसका संकेत है कि इंडिगो आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी चुनौतियां दूर करने के लिहाज से बेहतर स्थिति में है। ब्रोकरेज फर्म ने करीब 3,961 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ अपनी ‘एकत्रित करें’ रेटिंग बनाए रखी है और ईवी-परिचालन मुनाफा मल्टीपल अनुपात पहले के 7.5 गुना से बढ़ाकर 8.5 गुना कर दिया है।
कंपनी के विमान बेड़े में वृद्धि की मुख्य वजह विमान यात्रियों की संख्या में तेजी आना है। विमान यात्रियों की संख्या 2030 तक बढ़कर दोगुनी हो जाने का अनुमान है। जहां इस क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024 में यात्रियों की संख्या 22.5 करोड़ रहने का अनुमान है, वहीं 2029-30 तक इसके बढ़कर 51 करोड़ पर पहुंच जाने की संभावना है, जो इस दौरान 2.3 गुना की वृद्धि होगी।
यात्रियों की संख्या में वृद्धि रेलवे से एयरलाइनों की तरफ बढ़ते रुझान, हवाई अड्डों के तेज विस्तार (नवी मुंबई और दिल्ली हवाई अड्डों), पासपोर्ट धारक यात्रियों की संख्या में वृद्धि, पड़ोसी देशों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ने जैसे बदलावों की वजह से हो रही है। जहां उसकी घरेलू बाजार में अच्छी भागीदारी है, वहीं कंपनी महत्वपूर्ण साझेदारियों और लॉयल्टी कार्यक्रमों के जरिये अपनी अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है।
उसने वित्त वर्ष 2024 में सात नए शहर और 19 रूट जोड़े। उसने वित्त वर्ष 2024 में क्षमता के लिहाज से अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर 27 प्रतिशत भागीदारी के साथ आठ प्रमुख साझेदारियां की हैं। वित्त वर्ष 2025 में इन्हें बढ़ाकर 30 प्रतिशत किए जाने की योजना है। कंपनी मध्यम से लंबी दूरी के समय वाली उड़नों के लिए वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट यानी बड़े आकार के विमान शामिल करने की प्रक्रिया में है। माल भाड़ा कारोबार, वेंचर कैपिटल इकाई और लॉयल्टी प्रोग्राम जैसी नई पहल कंपनी के मौजूदा बिजनेस मॉडल में मददगार साबित हो रही हैं।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च विमानन क्षेत्र पर सकारात्मक बनी हुई है। इस ब्रोकरेज का मानना है कि इंडिगो को अल्पावधि से लेकर मध्यावधि में पेश आने वाली विभिन्न चुनौतियों का मुकाबला करना होगा। ब्रोकरेज ने 3,510 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर पर तटस्थ रेटिंग दी है।
यात्रियों की संख्या में वृद्धि के अलावा लागत को अनुकूल बनाने की उसकी प्रक्रियाओं से भी गैर-ईंधन बिल कम करने में मदद मिल सकती है। कंपनी की प्रति यात्री लागत 3.13 डॉलर है जो दुनिया में शीर्ष 9 सस्ती विमानन कंपनियों में सबसे कम में से एक है। इससे कंपनी को घरेलू बाजार में किफायती और प्रतिस्पर्धी किराया दर की पेशकश करने में मदद मिलती है और वह 60 प्रतिशत की अपनी बाजार भागीदारी बनाए रखने में सक्षम है।