इक्विटी बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी ने सितंबर तिमाही में करीब 7 फीसदी की बढ़त हासिल करने में कामयाबी पाई है। यह इसके बावजूद हासिल की जब सोमवार को इन सूचकांकों ने दो महीने में सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट दर्ज की। भारतीय शेयर बाजारों के लिए यह बढ़त वाली लगातार छठी तिमाही है और यह तीन साल में सबसे लंबा सिलसिला है।
जून 2020 और सितंबर 2021 के बीच बाजारों ने कोविड-19 के बाद की अवधि में लगातार छह तिमाही में बढ़ोतरी दर्ज की थी जिसे दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के प्रोत्साहन कदमों से सहारा मिला था।
ताजा बढ़ोतरी के दौरान निफ्टी करीब 50 फीसदी चढ़ा है जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक दोगुने से ज्यादा हो गए हैं। हालांकि ताजा तिमाही के दौरान व्यापक बाजारों ने लार्जकैप के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया क्योंकि निवेशकों ने ज्यादा गुणवत्ता वाले शेयरों की तरफ अपना ध्यान केंद्रित किया।
मार्च 2023 के बाद से भारत का बाजार पूंजीकरण 216 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है और यह वैश्विक स्तर पर अमेरिका, चीन और जापान के बाद चौथा सबसे मूल्यवान बाजार बन गया है। घरेलू इक्विटी की लगातार छह तिमाही में बढ़त को मजबूत संस्थागत निवेश से सहारा मिला है और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस अवधि में 2.95 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि म्युचुअल फंडों ने 3.85 लाख करोड़ रुपये लगाए।