इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी ने कहा है कि भारत 2035 तक दुनिया का सबसे पसंदीदा इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) बाजार बन जाएगा। उन्होंने बुधवार को बेंगलुरु में ArkamVC इवेंट में कहा, “कंपनियां वापस भारत में लिस्ट होना चाहती हैं। लोग लौट रहे हैं, घर वापसी हो रही है।”
10 लाख स्टार्टअप होंगे 2035 तक
नीलेकणी ने भारत में स्टार्टअप्स की संख्या में तेज़ी से वृद्धि होने की भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा, “हम 2035 तक 10 लाख स्टार्टअप की उम्मीद कर रहे हैं। स्टार्टअप्स से और ज्यादा स्टार्टअप्स बनेंगे।”
तेज़ विकास के लिए चार बड़े बदलाव जरूरी
भारत की आर्थिक वृद्धि को 6% से बढ़ाकर 8% करने और 2035 तक इसे $8 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नीलेकणी ने चार बड़े बदलावों की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, “भविष्य के लिए चार बड़े अनलॉक्स जरूरी हैं – टेक्नोलॉजी, एंटरप्रेन्योरशिप, फॉर्मलाइजेशन और कैपिटल।”
डिजिटल बदलाव में भारत की सफलता
नीलेकणी ने भारत के डिजिटल बदलाव की सराहना की और इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट्स और DigiYatra की सफलता पर ज़ोर दिया। उन्होंने बताया, “आज हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट्स का एकल सिस्टम है। दिसंबर 2022 से अब तक DigiYatra ने 1.4 करोड़ यात्रियों की मदद की है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “भारत एक एकल श्रम बाजार है, जबकि चीन ऐसा नहीं है।”
आर्थिक असमानता और छोटे व्यापारों की समस्या
नीलेकणी ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों की GDP और जन्म दर में बड़ा अंतर है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों का पलायन हो रहा है। उन्होंने कहा, “भारत के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में प्रवास हो रहा है, लेकिन आय में असमानता बनी हुई है।”
छोटे व्यापारों की चुनौतियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “छोटे बिजनेस आगे नहीं बढ़ पाते क्योंकि उन्हें पूंजी (कैपिटल) नहीं मिलती। अगर हमें तेज़ी से बढ़ना है, तो इस समस्या को हल करना होगा।”
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर नीलेकणी का जोर
नंदन नीलेकणी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को भारत के डिजिटल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “ओपन-सोर्स AI मॉडल्स का लक्ष्य भारतीय भाषाओं में ज्यादा डेटा तैयार करना होना चाहिए।”
उन्होंने AI को कृषि और शिक्षा में इस्तेमाल करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, “AI को कृषि में कैसे इस्तेमाल किया जाए, इस पर ध्यान देना होगा। ओपन एग्री नेटवर्क AI को बड़े स्तर पर अपनाएगा। शिक्षा में भी AI का इस्तेमाल होना चाहिए।”