नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लिए जीत के अंतर को लेकर चिंता से इक्विटी बाजारों में उतारचढ़ाव बढ़ रहा है। अगले 30 दिन में बाजार में संभावित घट-बढ़ की माप करने वाला द इंडिया वीआईएक्स सूचकांक मंगलवार को लगातार नौवें दिन चढ़ते हुए 17 पर पहुंच गया जो 30 जनवरी, 2023 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। मार्च 2020 के बाद से इंडेक्स की बढ़त का यह सिलसिला सबसे लंबा है। दिलचस्प रूप से यह इंडेक्स 23 अप्रैल को रिकॉर्ड निचले स्तर 10.2 पर चला गया था।
ऐसे में ट्रेडरों को कौन सा भय सता रहा है? बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि चुनाव के पहले दो चरण में मतदान के कम प्रतिशत को देखते हुए कयास लगने लगे हैं कि सत्ताधारी गठबंधन की सीटों की संख्या पिछली बार के मुकाबले कम रहेगी। 2019 में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा को 303 सीटें और राजग को 350 से ज्यादा सीटें मिली थी, जिससे उन्हें सुधार के लिए काफी ताकत मिली थी।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा कि विभिन्न स्रोतों और सटोरिया सिंडिकेट से मिली सूचनाओं से यह संकेत मिलता है कि अंतिम नतीजे उतने शानदार नहीं रहेंगे जितने भाजपा बता रही है। इसी वजह से कुछ लोगों में चिंता है कि अगर नतीजे उनकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे तो नीतियों में संभावित बदलाव कर पाना मुश्किल होगा। चूंकि बाजार पिछले कुछ हफ्तों से नई ऊंचाई को छू रहा है। ऐसे में कुछ ट्रेडर नतीजे आने तक अपनी पोजीशन हल्की करना चाहते हैं। इसी कारण उतारचढ़ाव में इजाफा हो रहा है।
19 अप्रैल से शुरू हुए मतदान से पहले ओपिनियन पोल से संकेत मिला था कि राजग को 400 से ज्यादा सीटें हासिल होंगी। लेकिन अब बाजार की अटकलों से लगता है कि भाजपा को 300 से कम सीटें मिल सकती हैं। गुरुवार को बेंचमार्क निफ्टी और व्यापक बाजार वाले स्मॉलकैप व मिडकैप इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए थे।
सर्वोच्च स्तर से ये सूचकांक 2 से 4 फीसदी तक नीचे आए हैं। गिरावट हालांकि बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन वीआईएक्स इंडेक्स में तेजी से संकेत मिलता है कि शेयर गिरावट के दौर में रह सकते हैं और उतारचढ़ाव में और इजाफा हो सकता है।
चुनाव के अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज कटौती के परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता भी बाजारों की धड़कन बढ़ा रही है। बोनान्जा पोर्टफोलियो के शोध विश्लेषक वैभव विद्वानी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती अनिश्चितता और भारत में जारी आम चुनाव को देखते हुए उतारचढ़ाव शायद तब तक जारी रहेगा जब तक कि चुनाव के नतीजे नहीं आ जाते।
लोकसभा का चुनाव 1 जून को समाप्त होगा और नतीजे 4 जून से आएंगे। स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि दो चीजें वीआईएक्स में इजाफा कर रही हैं। पहला, पोर्टफोलियो निवेशक प्रोटेक्टिव पुट ऑप्शन खरीदकर अपनी पोजीशन को हेज कर रहे हैं। दूसरा, चुनाव बाद कीमत में बड़े उतार-चढ़ाव का कयास लगाकर ट्रेडर कॉल व पुट ऑप्शन खरीदकर रहे हैं।
मीणा ने कहा कि आम चुनाव जैसे अहम घटनाक्रम से पहले वीआईएक्स मोटे तौर पर चढ़ता है। 2019 में यह 150 फीसदी उछला था (12 से 30 पर पहुंचा) और 2014 में इसमें 212 फीसदी की उछाल आई थी (12.5 से 39)। इसे देखते हुए वीआईएक्स में और बढ़ोतरी संभव है और चुनाव से पहले यह 25 की ओर जा सकता है।