भारत ने अप्रैल में सभी प्रमुख वैश्विक बाजारों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) से मजबूत फ्लो, सुधरती वैश्विक जोखिम धारणा और जनवरी-मार्च तिमाही के शानदार नतीजों से बाजारों को ताकत मिली है। दिसंबर और मार्च के बीच करीब 10 प्रतिशत गिरावट के बाद मूल्यांकन में नरमी की वजह से भी निवेशक भारत को अब ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
अप्रैल में मजबूत प्रदर्शन के बाद भी, भारत को इस साल अब तक (YTD) आधार पर संघर्ष करना पड़ रहा है। FPI ने पिछले दो महीनों में घरेलू शेयरों में करीब 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया है।
ताजा तेजी के बाद, निफ्टी फिर से 18,000 पर पहुंच गया है, जो ऐसा स्तर है जिस पर उसे पिछले समय में प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था। विश्लेषकों का मानना है कि अब यह तेजी सीमित हो सकती है। यूबीएस की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत महंगा (2023 के अंत में निफ्टी का लक्ष्य: 18,000) बना हुआ है। भारत उभरते बाजारों के मुकाबले 70 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा है।
साथ ही भारतीय इक्विटी बाजार बॉन्डों के मुकाबले महंगे बने हुए हैं। हमें मूल्यांकन सामान्य होने की उम्मीद है।’ स्विस बैंक ने भारत पर अंडरवेट नजरिया अपनाया है।
भारत -4.1
ब्रिटेन -3.1
जापान -2.9
ब्राजील -2.5
अमेरिका -2.5
फ्रांस -2.3
जर्मनी -1.9
इंडोनेशिया -1.6
चीन -1.5
दक्षिण कोरिया -1.0
ताइवान -1.8
हांगकांग -2.5
FPI आंकड़े 27 अप्रैल, 2023 तक के हैं
स्रोत: ब्लूमबर्ग, एक्सचेंज, एनएसडीएल
आंकड़े: बीएस रिसर्च ब्यूरो द्वारा संकलित