facebookmetapixel
टैरिफ विरोधियों को Trump ने बताया ‘मूर्ख’, बोले- अमेरिका के हर नागरिक को मिलेगा $2,000 का डिविडेंड₹9,975 तक के टारगेट! नतीजों के बाद Bajaj Auto पर 4 ब्रोकरेज हाउसों की राय सामने आईLenskart Share: ₹390 पर कमजोर लिस्टिंग के बाद 2% उछला शेयर, बेच दें या होल्ड करें शेयर?राशन कार्ड के लिए सरकारी दफ्तर जाने की जरूरत नहीं, बस ये ऐप डाउनलोड करेंQ2 results today: ONGC से लेकर Vodafone Idea और Reliance Power तक, आज इन कंपनियों के आएंगे नतीजेBihar Elections 2025: हर 3 में 1 उम्मीदवार पर है आपराधिक मामला, जानें कितने हैं करोड़पति!₹70 तक का डिविडेंड पाने का आखिरी मौका! 11 नवंबर से 10 कंपनियों के शेयर होंगे एक्स-डिविडेंडGroww IPO Allotment Today: ग्रो आईपीओ अलॉटमेंट आज फाइनल, ऐसे चेक करें ऑनलाइन स्टेटस1 अक्टूबर से लागू Tata Motors डिमर्जर, जानिए कब मिलेंगे नए शेयर और कब शुरू होगी ट्रेडिंगStock Market Update: शेयर बाजार की पॉजिटिव शुरूआत, सेंसेक्स 200 से ज्यादा अंक चढ़ा; निफ्टी 25550 के करीब

बाजार के बदले माहौल में फार्मा, मेटल व एनर्जी सेक्टर भा रहे हैं म्युचुअल फंडों को

Last Updated- December 06, 2022 | 12:42 AM IST

शेयर बाजार में पिछले कुछ सालों में रही तेजी को म्युचुअल फंडों ने भी खूब भुनाया था और सारे ही फंड तब इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल गुड्स सेक्टर में ताबड़तोड़ निवेश कर पैसा बना रहे थे।


लेकिन बाजार के बदले माहौल में अब यह म्युचुअल फंड फार्मा, ऑयल ऐंड गैस के अलावा चुनिंदा आईटी स्टॉक्स में निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा यह फंड मेटल्स और हैवी इंजीनियरिंग सेक्टर में भी अपना एक्सपोजर बढ़ा रहे हैं।


एनालिस्टों का कहना है कि पिछला साल अच्छा न होने की वजह से फार्मा कंपनियों के स्टॉक काफी आकर्षक भाव पर आ गए हैं। पिछले महीनों में बाजार में आई भारी गिरावट से सेक्टरों में निवेश करने वाले कई फंडों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था और इन्होंने नेगेटिव रिटर्न दिए थे। महंगाई की दर बढ़ने के बाद सबसे ज्यादा असर बैंकिंग के स्टॉक्स पर पड़ा था क्योकि माना जा रहा था कि बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए सख्त मौद्रिक कदम उठाए जाएंगे।


अब भी ये फंड फाइनेंशियल सर्विसेस सेक्टर में खासकर कॉमर्शियल बैंकों में अपना निवेश घटा रहे हैं क्योंकि कई बैंक फॉरेक्स डेरिवेटिव डील्स में फंसे हुए हैं जिसमें उन्हें खासा नुकसान होने का अनुमान है। इसके अलावा बाजार में छाई मंदी से ब्रोकिंग फर्मों के नतीजों पर खासा असर पड़ा है। लिहाजा इस सेक्टर में फंड फिलहाल अपना पैसा नहीं फंसाना चाहते।


कंपनियों के मार्च 08 के नतीजे बहुत अच्छे नहीं होने और विकास की रफ्तार भी धीमी पड़ने से यह फंड अब अपना फोकस सेक्टरों के बजाए उन स्टॉक्स पर कर रहे हैं जिसमें ग्रोथ की गुंजाइश दिख रही है। यूटीआई म्युचुअल फंड के इक्विटी हेड अनूप भास्कर के मुताबिक सेक्टरों से ज्यादा उन स्टॉक्स पर ध्यान रखने की जरूरत है जो बहुत अच्छे वैल्युएशंस पर उपलब्ध हैं।


दस बड़े म्युचुअल फंडों में से 90 फीसदी ने एनर्जी, मेटल और कंस्ट्रक्शन कंपनियों में अपना एक्सपोजर बढ़ा दिया है। रिलायंस के रेगुलर सेविंग्स इक्विटी फंड का 14 फीसदी निवेश एनर्जी सेक्टर में है, जिसके बाद कंस्ट्रक्शन आता है। इस फंड के पास सुजलॉन एनर्जी, इंडियन ऑयल और किर्लोस्कर ऑयल जैसी कंपनियों के शेयर हैं।


इसी तरह आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का 13.68 फीसदी निवेश एनर्जी स्टॉक्स में है। यह फंड हाउस अपने नेट असेट का एक बड़ा हिस्सा निफ्टी फ्यूचर्स जैसे इक्विटी डेरिवेटिव्स में भी लगाता है। फंड के डीएमडी नीलेश शाह के मुताबिक वो फिलहाल कैपिटल गुड्स, मेटल्स और टेलिकॉम सेक्टरों को लेकर काफी बुलिश हैं यानी वे इन सेक्टरों में बढ़त की उम्मीद करते हैं।


मेटल स्टॉक्स में पिछले दिनों काफी करेक्शन आया है जबकि टेलिकॉम सेक्टर के नतीजे अच्छे होने से इसमें अच्छी गुंजाइश बन रही है। लेकिन यह फंड आईटी और फाइनेंशियल सेक्टर को लेकर अंडरवेट हैं यानी इन सेक्टरों में उन्हें बहुत गुंजाइश नहीं दिख रही। इसके अलावा रियल एस्टेट इन फंडों को फिलहाल बिलकुल नहीं भा रहा है।


इन रियल एस्टेट कंपनियों के प्रोजेक्शन जरूरत से ज्यादा आशावादी होने से ही फंड हाउस इस सेक्टर में हाथ डालने से कतरा रहे हैं। कीमतों में तेजी से इस सेक्टर में मांग भी काफी घटी है।


डीएसडब्ल्यू इंवेस्टमेंट ऑपर्चुनिटी फंड ने फाइनेंशियल सेक्टर में केवल 8 फीसदी एक्सपोजर रखा और  आईसीआईसीआई बैंक, सिन्टेक्स और सेसा गोवा जैसे स्टॉक्स में अपना एक्सपोजर भी घटा दिया है।

First Published - April 29, 2008 | 11:32 PM IST

संबंधित पोस्ट