वाहन कलपुर्जा दिग्गज बॉश का शेयर पिछले सप्ताह के दौरान 52 सप्ताह का नया स्तर बनाने में सफल रहा। दिसंबर तिमाही में अनुमान से बेहतर परिचालन प्रदर्शन की वजह से कंपनी के शेयर में यह तेजी देखी गई। सकल मार्जिन प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद ने भी कंपनी के ईपीएस में सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा दिया है।
जहां स्थानीयकरण के प्रयास और मार्जिन सुधार मध्यावधि के लिहाज से सकारात्मक हैं, वहीं त्वरित कारक तीसरी तिमाही में दमदार प्रदर्शन है। कंपनी ने परिचालन मुनाफा मार्जिन के मोर्चे पर अनुमानों को पीछे छोड़ दिया। तिमाही आधार पर उसका परिचालन मुनाफा मार्जिन 190 आधार अंक बढ़कर 13.8 प्रतिशत हो गया और एक साल पहले के मुकाबले 280 आधार अंक बढ़ गया।
तिमाही आधार पर वृद्धि को मजबूत सकल मार्जिन से मदद मिली, जिसमें 450 आधार अंक तक का इजाफा दर्ज किया गया। अन्य खर्च में अधिकता की वजह से परिचालन स्तर पर लाभ सीमित रहा। जहां अन्य खर्च बदलते मौसम के साथ तिमाही आधार पर ज्यादा रहे, वहीं घटती वारंटी लागत, ऊंचे विदेशी मुद्रा लाभ और सितंबर तिमाही में मोबिलिटी सॉल्युशन व्यवसाय की बिक्री के कारण कम लागत की वजह से यह अनुमान से कम रहा।
राजस्व के मोर्चे पर कंपनी के मोबिलिटी व्यवसाय का राजस्व सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़ा और इसे पावरट्रेन सॉल्युशन के मुख्य व्यवसाय में 20 प्रतिशत वृद्धि से मदद मिली। ऑटोमोटिव आफ्टरमार्केट खंड में 9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। मोबिलिटी या वाहन व्यवसाय का कंपनी के कुल राजस्व में 85 प्रतिशत से ज्यादा योगदान है।
उपभोक्ता वस्तुओं में सालाना 31 प्रतिशत की वृद्धि के कारण पूरे मोबिलिटी व्यवसाय में 33 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जबकि निर्माण प्रौद्योगिकियों में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2024 की मार्च तिमाही में कंपनी को आम चुनाव और पिछले साल के ऊंचे आधार के प्रभाव की वजह से वृद्धि निचले एक अंक के साथ सपाट रहने का अनुमान है।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का मानना है कि नए ऑर्डरों और कंटेंट में वृद्धि की मदद से बॉश देश के वाहन उद्योग के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहेगी। हालांकि उनका मानना है कि 15 प्रतिशत से ज्यादा मार्जिन सुधार की संभावना काफी कम है। महत्वपूर्ण बात यह है कि बॉश को दोपहिया और यात्री वाहन खंड में इलेक्ट्रिक वाहन कलपुर्जा के संदर्भ में अभी खास पहचान बनानी बाकी है।
ब्रोकरेज ने इस शेयर पर तटस्थ रेटिंग दी है। विश्लेषक अनिकेत म्हात्रे का कहना है कि प्रतिस्पर्धी स्थिति पर दबाव और इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते जोखिम की वजह से मूल्यांकन में कमी की गई। उनका कहना है कि इन नकारात्मक कारकों का शेयर की कीमतों पर असर दिख चुका है। इसलिए अब रेटिंग में बदलाव के कोई बड़े कारण नजर नहीं आ रहे हैं।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इस शेयर को डाउनग्रेड किया है। ब्रोकरेज फर्म के वसुदेव बनर्जी और विशाखा मालीवाल का मानना है कि परिचालन मुनाफा मार्जिन 14 प्रतिशत के स्तर के पार जाने की संभावना सीमित है और बॉश को वाणिज्यिक वाहन (सीवी) उद्योग में वित्त वर्ष 2025 के मध्य से सुस्ती का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही शेयर का मौजूदा मूल्यांकन महंगा दिख रहा है। उन्होंने पिछले तीन महीने में 35 प्रतिशत चढ़ने वाले इस शेयर के लिए रेटिंग ‘घटाएं’ से बदलकर ‘बेचें’ कर दी है।