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अगर ट्रंप चुनाव जीतते हैं, तो ब्याज दर कटौती पर लग सकती है रोक: ICICI सिक्योरिटीज

ट्रंप की संभावित जीत के मद्देनजर ICICI सिक्योरिटीज ने आगाह किया है कि वैश्विक स्तर पर ब्याज दर कटौती के चक्र में रुकावट आ सकती है।

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निकिता वशिष्ठ   
Last Updated- November 06, 2024 | 5:21 PM IST

अमेरिकी चुनाव 2024 के नतीजों में शुरुआती रुझानों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 276 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस 223 सीटों पर पीछे चल रही हैं। ट्रंप की संभावित जीत के मद्देनजर ICICI सिक्योरिटीज ने आगाह किया है कि वैश्विक स्तर पर ब्याज दर कटौती के चक्र में रुकावट आ सकती है।

ICICI सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप की रिपब्लिकन नीतियों में ऊंचे टैरिफ और टैक्स कटौती का समर्थन किया जा सकता है, जिससे राजकोषीय घाटे का दबाव बढ़ सकता है और मुद्रास्फीति की संभावना भी अधिक हो सकती है। इससे अमेरिकी डॉलर में कमजोरी आने का खतरा है, जैसा कि ट्रंप के पिछले कार्यकाल में देखने को मिला था जब डॉलर इंडेक्स 100 से गिरकर 90 के करीब पहुंच गया था। इसके विपरीत, जो बाइडन के कार्यकाल में यह इंडेक्स फिर से 100 से ऊपर पहुंच गया है, जिससे अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और डॉलर फ्लो में इजाफा हुआ है।

अमेरिका का राजकोषीय घाटा भी FY16 से FY19 के बीच 3.1% से बढ़कर 4.6% हो गया था, और ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियां, जैसे कि ऊंचे टैरिफ और इमिग्रेशन के खिलाफ कड़े कदम, वैश्विक व्यापार को और कठिन बना सकती हैं। मौजूदा समय में वैश्विक व्यापार पहले से ही रेड सी संकट और कंटेनर की कमी से प्रभावित है, ऐसे में ट्रंप की ये नीतियां व्यापार पर और दबाव डाल सकती हैं।

कौन से सेक्टर्स होंगे लाभ में?

ICICI सिक्योरिटीज के अनुसार, ट्रंप की नीतियों के चलते निर्यात-आधारित सेक्टर्स को नुकसान हो सकता है, जबकि घरेलू निवेश और वित्तीय सेक्टर्स को कमजोर डॉलर और ऊंची ब्याज दरों का फायदा मिल सकता है।

JM फाइनेंशियल सर्विसेज का मानना है कि ट्रंप की नीतियों से ब्याज दरें ऊंची हो सकती हैं और वैश्विक विकास की गति धीमी पड़ सकती है। हालांकि, निकट भविष्य में कॉर्पोरेट टैक्स को 21% से घटाकर 15% करने से कंपनियों की लागत कम हो सकती है, जिससे मांग में सुधार आने की संभावना है। टैक्स फाउंडेशन का अनुमान है कि ट्रंप की टैक्स नीतियों से अमेरिका की लंबी अवधि की GDP में सुधार हो सकता है।

First Published : November 6, 2024 | 5:20 PM IST