facebookmetapixel
IDFC FIRST ने HNIs के लिए लॉन्च किया इनवाइट-ओनली प्रीमियम कार्ड ‘Gaj’; जानें क्या है खासियत90% प्रीमियम पर लिस्ट हुए इस SME IPO के शेयर, निवेशकों को नए साल से पहले मिला तगड़ा गिफ्ट2026 में सोना-चांदी का हाल: रैली जारी या कीमतों में हल्की रुकावट?Gujarat Kidney IPO की शेयर बाजार में पॉजिटिव एंट्री, 6% प्रीमियम पर लिस्ट हुए शेयरGold silver price today: सोने-चांदी के दाम उछले, MCX पर सोना ₹1.36 लाख के करीबDelhi Weather Today: दिल्ली में कोहरे के चलते रेड अलर्ट, हवाई यात्रा और सड़क मार्ग प्रभावितNifty Outlook: 26,000 बना बड़ी रुकावट, क्या आगे बढ़ पाएगा बाजार? एनालिस्ट्स ने बताया अहम लेवलStock Market Update: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, सेंसेक्स 50 अंक टूटा; निफ्टी 25900 के करीबबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, 80 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांसStocks To Watch Today: InterGlobe, BEL, Lupin समेत इन कंपनियों के शेयरों पर आज रहेगा फोकस

एचयूएल: लवली नहीं

Last Updated- December 06, 2022 | 12:42 AM IST

पिछले कुछ सालों में 13,717 करोड़ रुपये की हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड के लिये यह अवश्य ही अब तक की सबसे अच्छी टॉपलाइन बढ़त होगी।


होम और पर्सनल केयर सेंगमेंट में 20 फीसदी से अधिक की वृध्दि दर के साथ इस बड़ी उपभोक्ता उत्पाद कंपनी (एफएमसीजी) कंपनी ने मार्च 2008 की तिमाही के दौरान अपने नेट सेल ग्रोथ में 19 फीसदी से भी अधिक की वृध्दि दर्ज की।


हाई मार्जिन वाले पर्सनल प्रोडक्ट सेगमेंट के राजस्व में 23.5 फीसदी का उछाल देखा गया जो बहुत ही प्रशंसनीय है। मार्च 2007 की तिमाही में इसमें मात्र 7.3 फीसदी की बढ़त देखी गयी थी। कुछ हद तक शायद इसकी बिक्री में बढ़ोतरी का कारण 2007 से 2008 के दौरान पड़ी ठंड रही जबकि 2006-07 केदौरान कम ठंड पड़ी थी। एचयूएल के उत्पादों में हाई वैल्यू एडेड ब्रांड की हिस्सेदारी बढ़ रही है और कंपनी के वॉल्यूम की बिक्री में लगभग 10 फीसदी का अच्छा सुधार देखा गया।


कंपनी का पर्सनल प्रोडक्ट सेगमेंट के अलावा अन्य सेगमेंट में बेहतर ऑपरेटिंग मार्जिन न अर्जित कर पाना परेशान करने वाला रहा जिसकी कंपनी के प्रॉफिट मार्जिन में बड़ी हिस्सेदारी है। एचयूएल का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 10.75 फीसदी से अधिक होना चाहिये। कंपनी के अन्य खर्चे बढ़ने से कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में 0.7 फीसदी की गिरावट आई।


बजाय कि कंपनी को अपने उत्पादों का प्रचार करने की आवश्यकता है फिर भी कंपनी का उत्पादों के प्रचार पर होने वाला खर्च मार्च 2008 की तिमाही में उत्पादों की बिक्री से भी ज्यादा 21.3 फीसदी रहा। यद्यपि यह बिक्री की फीसद संख्या से थोड़ा ही ज्यादा रहा। कंपनी के मार्च 2008 की तिमाही में कंपनी के लिये एक और जो निराशाजनक बात रही वह कंपनी  के फूड और ब्रेवरेज कारोबार का लगातार गिरावट की ओर जाना।


कंपनी को इस सेक्टर में 15 फीसदी की गिरावट देखनी पड़ी जो पिछली चार तिमाही में सर्वाधिक है। 13,717 करोड़ रुपये का कुल कारोबार करने वाली कंपनी में इस सेगमेंट की हिस्सेदारी मात्र 531 करोड़ रुपये रही। शायद कंपनी ने मॉस कैटेगरी में प्रवेश नहीं किया है इसलिये कंपनी अपने कारोबार के प्रसार में अक्षम प्रतीत होती है।


मौजूदा बाजार मूल्य 247 रुपये केस्तर पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वर्तमान वर्ष में अनुमानित आय से 25 गुना से अधिक के स्तर पर हो रहा है। यह कुछ प्रकार से खर्चीला है क्योंकि अगले कुछ सालों में कंपनी की अर्निंग ग्रोथ 17 से 18 फीसदी के बीच रहनी चाहिए।


सीमेंस: कमजोर प्रदर्शन


मौजूदा आय के माहौल में यदि कोई सेक्टर कमजोर प्रदर्शन कर रहा है तो वह है कैपिटल गुड सेक्टर। बीएचईएल के मार्च 2008 की तिमाही के परिणामों जिसमें कंपनी के कुल राजस्व में मात्र 15 फीसदी की बढ़त देखी गई, के बाद एबीबी के कमजोर परिणाम आए। एबीबी की बिक्री में सिर्फ 17 फीसदी की वृध्दि हुई।


इश्यूस से कंपनियां कैसे जकड़ती जा रही है, इसका अंदाजा 9,417 करोड़ रुपये की कंपनी सीमेंस के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में आई 86 फीसदी की गिरावट से ही लगाया जा सकता है। इंजीनियरिंग सेक्टर इस बड़ी कंपनी के पास कुछ प्रोजेक्ट की बुकिंग के कारण करीब 120 करोड़ रुपये का रिजर्व राजस्व है लेकिन कुछ प्रोजेक्ट के संकट में होने के कारण कंपनी को करीब 110 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।


अपवादस्वरुप कंपनी का टर्नओवर सिर्फ 11 फीसदी बढ़ा जबकि अनियोजित प्रॉफिट मार्जिन अचानक 7.7 फीसदी गिरकर 1.2 फीसदी पर आ गया। यह इससमय वित्तीय वर्ष 2007 की मार्जिन 10.4 फीसदी के करीब है।


एक्सचेंज में 16 फीसदी की गिरावट के साथ जनवरी से कंपनी के स्टॉक में 40 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनी के लिए सकारात्मक पहलू यह है कि कंपनी के पास 2,342 करोड़ के फ्रेश ऑर्डर हैं। यह कंपनी को मिलने वाले ऑर्डर में 20 फीसदी की बढ़त दिखाता है। यद्यपि कंपनी की ग्रोथ दिसंबर की तिमाही में 25 फीसदी रही थी। कंपनी के राजस्व में 50 फीसदी से भी अधिक की हिस्सेदारी रखने वाले पॉवर सेगमेंट को 87 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।


हालांकि पावर और ऑयल सेक्टर के लिये उपकरण मुहैया कराने वाली कंपनी सीमेंस के लिये संतोषजनक बात यह है कि इन क्षेत्रों में उपकरणों की मांग बनी हुई है। सीमेंस ने दिसंबर 2007 की तिमाही में भी कमजोर प्रदर्शन किया था जब उसके राजस्व में मात्र 18 फीसदी की वृध्दि दर्ज की गयी थी और उसकी आय सामान्य से कम रही थी। मौजूदा बाजार मूल्य 581 रुपये के स्तर पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2008 में अनुमानित आय के 26 गुना के स्तर पर हो रहा है।

First Published - April 29, 2008 | 11:38 PM IST

संबंधित पोस्ट