facebookmetapixel
AI की एंट्री से IT इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव, मेगा आउटसोर्सिंग सौदों की जगह छोटे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट‘2025 भारत के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धियों का वर्ष रहा’, मन की बात में बोले प्रधानमंत्री मोदीकोल इंडिया की सभी सब्सिडियरी कंपनियां 2030 तक होंगी लिस्टेड, प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिया निर्देशभारत में डायग्नॉस्टिक्स इंडस्ट्री के विस्तार में जबरदस्त तेजी, नई लैब और सेंटरों में हो रहा बड़ा निवेशजवाहर लाल नेहरू पोर्ट अपनी अधिकतम सीमा पर पहुंचेगा, क्षमता बढ़कर 1.2 करोड़ TEU होगीFDI लक्ष्य चूकने पर भारत बनाएगा निगरानी समिति, न्यूजीलैंड को मिल सकती है राहतपारेषण परिसंपत्तियों से फंड जुटाने को लेकर राज्यों की चिंता दूर करने में जुटी केंद्र सरकार2025 में AI में हुआ भारी निवेश, लेकिन अब तक ठोस मुनाफा नहीं; उत्साह और असर के बीच बड़ा अंतरवाहन उद्योग साल 2025 को रिकॉर्ड बिक्री के साथ करेगा विदा, कुल बिक्री 2.8 करोड़ के पारमुंबई एयरपोर्ट पर 10 महीने तक कार्गो उड़ान बंद करने का प्रस्वाव, निर्यात में आ सकता है बड़ा संकट

Stock Market: बाजार पर भारी विदेशी बिकवाली

अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने और कच्चा तेल चढ़ने से बिकवाली को मिला दम

Last Updated- September 28, 2023 | 9:38 PM IST
Flair Writing Share

विदेशी निवेशकों की जोरदार बिकवाली से बेंचमार्क सूचकांक गिरकर आज चार हफ्ते के सबसे कम आंकड़े पर चले गए। अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने और तेल की कीमतें चढ़ने से निवेशकों का जोखिम लेने का हौसला कम हो गया है, जिसका असर शेयर बाजार में दिख रहा है। सेंसेक्स 610 अंक टूटकर 65,508 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 193 अंक नुकसान के साथ 19,523 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक 1 सितंबर के बाद सबसे निचले स्तर पर बंद हुए हैं।

10 साल के अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड 4.6 फीसदी चल रही थी, जो अक्टूबर 2017 के बाद सबसे अ​धिक है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 3,364 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की। देसी संस्थागत निवेशकों ने 2,711 करोड़ रुपये के शेयर खरीदकर विदेशी निवेशकों की बिकवाली को कुछ हद तक बेअसर करने की कोशिश की। इस महीने अभी तक विदेशी निवेशकों ने करीब 18,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे हैं, जो जनवरी के बाद सबसे ज्यादा है।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहने का संकेत दिया है, जिससे विदेशी फंड बिकवाली करने लगे हैं। फेड का अनुमान बाजार की उम्मीद से काफी ज्यादा सतर्कता भरा है। ऊंची ब्याज दर की संभावना, कच्चे तेल में तेजी और अनियमित मॉनसून के कारण देसी शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों में 3.5 फीसदी गिरावट आ चुकी है।

ब्रेंट क्रूड के दाम बीते एक महीने में 15 फीसदी चढ़कर 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच पहुंच गए हैं। बड़े भंडारण केंद्रों में तेल का जमा भंडार कम होने से आपूर्ति पर चिंता बढ़ गई है।

Also read: Nomura ने भारतीय शेयर बाजार की कैटेगरी को अपग्रेड किया

अवेंडस कैपिटल स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्या​धिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘उम्मीद की जा रही थी कि अमेरिका में ब्याज दरें कम होंगी, एशिया में दरें उससे अधिक तेजी से घट सकती हैं। तेल की कीमतों में तेजी से ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रह सकती हैं। स​ब्जियों के दाम भी बढ़ रहे हैं, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक के पास भी गुंजाइश कम है। रिजव बैंक का रुख भी सतर्कता वाला रह सकता है।’

निवेशकों की नजर अब कंपनियों की दूसरी तिमाही के नतीजों पर होगी। अमेरिका में व्य​क्तिगत खपत व्यय के आंकड़ों के साथ कुछ अन्य आ​र्थिक आंकड़े शुक्रवार को आ सकते हैं।

व्य​क्तिगत खपत के आंकड़ों को फेडरल रिजर्व मुद्रास्फीति आंकने का पैमाना मानता है। इसके साथ ही जेपी मॉर्गन ऐंड चेस के पास काफी ज्यादा ऑप्शन पोजिशन है, जिसका निपटान शुक्रवार को होना है। इससे भी वै​​श्विक बाजार में घबराहट देखी जा रही है।

मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक सौरभ मुखर्जी ने कहा, ‘दूसरी तिमाही में अच्छे नतीजे की उम्मीद है। कुल मिलाकर बाजार में ऐसा कुछ नहीं है, जो असाधारण हो। एसएमई मार्केट में मूल्यांकन को लेकर चिंता है।’

बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई। बीएसई पर 2,158 शेयर नुकसान में और 1,504 बढ़त पर बंद हुए। तकरीबन 20 फीसदी शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 1.5 फीसदी और आईटी कंपनी इन्फोसिस में 1.9 फीसदी की गिरावट आई। टेक महिंद्रा सबसे ज्यादा 4.6 फीसदी और ए​शियन पेंट्स करीब 4 फीसदी नुकसान पर बंद हुआ। बाजार में उठापटक का अंदाज देने वाला इंडिया वीआईएक्स सूचकांक 11 फीसदी बढ़कर 12.82 पर पहुंच गया। निफ्टी मिडकैप में 1.3 फीसदी और स्मॉल कैप में 0.4 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।

First Published - September 28, 2023 | 9:38 PM IST

संबंधित पोस्ट