Gold-Silver Price: सोने-चांदी की कीमतों में तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। दोनों के भाव आए दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। मंगलवार (18 मार्च) को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,000 डॉलर को पार कर स्पॉट और फ्यूचर दोनों मार्केट में ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए। घरेलू बाजार में भी सोना 88,381 रुपये के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गया। चांदी ने घरेलू बाजार में 1 लाख रुपये का आंकड़ा छू लिया। अगर आप भी सोने-चांदी में निवेश की योजना बना रहे हैं तो थोड़ा धैर्य रखना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों का मानना है कि गोल्ड और सिल्वर में आगे भी मजबूती बनी रह सकती है। हालांकि कीमतों में कुछ गिरावट (consolidation) देखने को मिल सकता है। ब्रोकरेज हाउस ने बाजार में जारी उतार-चढ़ाव और वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए निवेशकों को गिरावट पर खरीदारी (Buy on Dips) की स्ट्रैटेजी अपनाने की सलाह दी है।
बाजार में जारी उतार-चढ़ाव और वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए अगर आप भी सेफ हेवन (Safe Haven) माने जाने वाले गोल्ड और सिल्वर में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो कुछ समय के लिए निवेश को टालना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों का मानना है कि गोल्ड और सिल्वर में आगे भी मजबूती बनी रह सकती है। हालांकि कीमतों में कुछ गिरावट (consolidation) देखने को मिल सकता है। ऐसे में ब्रोकरेज हाउस ने निवेशकों को सोने-चांदी की कीमतों में संभावित गिरावट आने पर खरीदारी (Buy on Dips) करने की सलाह दी है।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी गई, जिसमें दोनों धातुओं ने 3% से ज्यादा की बढ़त दर्ज करते हुए ऐतिहासिक ऊंचाई को छू लिया। सोने-चांदी की कीमतों में तेजी मुख्य रूप से वैश्विक व्यापार तनाव (global trade concerns), महंगाई में कमी (softer inflation data) डॉलर इंडेक्स में गिरावट और फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदों के कारण आई है।
पिछले सप्ताह डॉलर इंडेक्स (Dollar index) में बड़ी गिरावट देखी गई जो महामारी के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट थी। प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर कमजोर हुआ, जिसमें जर्मनी के वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज (Fiscal Stimulus Package) का भी योगदान रहा। यह पैकेज यूरोजोन की आर्थिक रिकवरी को मजबूत करने और अमेरिकी डॉलर की सापेक्ष शक्ति को कम करने की उम्मीद के साथ लाया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, सोने और चांदी की कीमतों में तेजी के प्रमुख कारणों में अमेरिका और यूरोप के बीच जारी व्यापार तनाव (trade tension) भी शामिल है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नए टैरिफ की धमकी से बाजार में और ज्यादा अस्थिरता आ गई। ट्रंप ने यूरोपीय शराब और शैंपेन पर 200% तक के टैरिफ लगाने की चेतावनी दी, जो कि यूरोपीय संघ (EU) द्वारा अमेरिकी व्हिस्की पर 50% टैक्स लगाने के जवाब में था।
चीन में सोने की मांग बढ़ रही है। मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में चीन में गोल्ड ETFs में रिकॉर्ड निवेश आया। यह वृद्धि चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार और आभूषण मांग में संभावित वृद्धि को दर्शाता है। जैसे-जैसे घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, चीन में सोने की मांग मजबूत बने रहने की संभावना है जो बाजार की धारणा को समर्थन देगा।