गोदरेज प्रॉपर्टीज ने पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये 6,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह भारत में किसी रियल एस्टेट डेवलपर का अब तक का सबसे बड़ा क्यूआईपी रहा। कंपनी इस रकम का इस्तेमाल परियोजनाओं के विकास में करेगी ताकि उसे आगामी वर्षों में अपना कारोबार तेजी से बढ़ाने में मदद मिले।
कंपनी ने कहा कि इस इश्यू को पेशकश के मुकाबले करीब चार गुना बोलियां मिलीं। साल 2024 के पहले नौ महीनों में भारतीय रियल एस्टेट डेवलपरों ने क्यूआईपी से करीब 13,002 करोड़ रुपये जुटाए। इनमें मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा समूह), प्रेस्टीज एस्टेट्स, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, कीस्टोन रियल्टर्स शामिल हैं। 14 नवंबर को ओबेरॉय रियल्टी ने 6,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी हासिल कर ली।
कंपनियों ने विभिन्न मकसद के लिए क्यूआईपी से रकम जुटाई। इसमें उनके बकाया का पुनर्भुगतान, भूमि का अधिग्रहण या भूमि विकास अधिकार हासिल करना, कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करना, संयुक्त उद्यमों में निवेश, उनकी सहायक कंपनियों को असुरक्षित ऋण प्रदान करना और सामान्य कंपनी कामकाज शामिल हैं।
एनारॉक के अनुसार, रियल एस्टेट के अंदर क्यूआईपी को आगे बढ़ाने वाले कारकों में पारदर्शिता में सुधार, महामारी के बाद मजबूत रिकवरी, आवासीय बिक्री मूल्य में वृद्धि, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स का प्रदर्शन और संस्थागत निवेशकों का भरोसा शामिल है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज क्यूआईपी में जीआईसी, ब्लैकरॉक, आबरदीन, नॉर्जेज बैंक, एसबीआई पेंशन और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस सहित मिलेजुले अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निवेशक शामिल हैं। जेफरीज, मॉर्गन स्टैनली, बैंक ऑफ़ अमेरिका और कोटक क्यूआईपी के बैंकर थे। क्यूआईपी के परिणामस्वरूप गोदरेज प्रॉपर्टीज के नेटवर्थ में 50 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है जबकि इक्विटी विनिवेश 7.68 फीसदी रहा।