चेन्नई आधारित श्रीराम ग्रुप अगले दो-तीन हफ्ते में अपनी साधारण बीमा कंपनी की शुरुआत करने वाली है।
यह संयुक्त उद्यम श्रीराम ग्रुप और दक्षिण अफ्रीका के सनलाम की साझेदारी में आरंभ किया जाएगा। भारतीय नियमों के मुताबिक नई साधारण बीमा कंपनी में श्रीराम समूह की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत और सनलाम की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत की होगी।
इस समूह की नई साधारण बीमा कंपनी का मुख्यालय जयपुर में होगा जिसकी आरेभिक पूंजी 105 करोड़ रुपये होगी। इंडियन ओवरसीज बैंक के भूतपूर्व मुख्य प्रबंध निदेशक पी एस गोपालकृष्णन इसके नये अध्यक्ष होंगे जबकि जे एस गुजराल इस कंपनी के नये प्रबंध निदेशक होंगे।
बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत करते हुए श्रीराम समूह के अध्यक्ष आर त्यागराजन ने बताया कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) ने कंपनी के आर 1 और और आर 2 लाइसेंसों को मंजूरी दे दी है। आर 1 लाइसेंस के तहत प्रवतर्कों के लाइसेंस को मंजूरी दी जाती है और आर 2 पूंजी, कंपनी की कारोबारी योजनाओं और संबंधित पूंजी के संदर्भ में मंजूरी देता है।
यह कंपनी अगले दो तीन सप्ताह में अपना परिचालन शुरु करेगी। त्यागराजन ने कहा कि कंपनी ने 15 योजनाएं आईआरडीए की मंजूरी के लिए भेजी है और आईआरडीए की अनुमति का इंतजार कर रही है।ग्रुप कंपनी श्रीराम 1974 में चिट व्यवसाय के माध्यम से मशहूर हुई थी। वर्तमान में देश भर में कंपनी के 60,000 से 70,000 कंसलटेंट्स हैं।
नई साधारण बीमा कंपनी श्रीराम ग्रुप के कंसलटेंट्स, ग्राहक आधार और अपने जीवन बीमा कंपनी के अभिकर्ताओं, जिनकी संख्या लगभग 10,000 है, का इस्तेमाल कर सकती है। यह साधारण बीमा कंपनी श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस कंपनी के छह लाख ग्राहकों, जो ट्रक मालिक हैं को संभावित साधार बीमा कं ग्राहक के रुप में देख रही है।
दो साल पहले श्रीराम ग्रुप ने सनलाम के साथ मिल कर जीवन बीमा कंपनी की शुरुआत की थी जिसमें श्रीराम की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत की है। श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने अप्रैल और फरवरी 2008 के दौरान 257.38 करोड़ रुपये का प्रीमियम संग्रहित किया जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 124.63 करोड़ रुपये था।
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी के पदार्पण के साथ ही भारत में साधारण बीमा कंनियों की संख्या 18 से बढ़ कर 19 हो जाएगी।
अप्रैल और फरवरी 2008 के बीच 18 साधारण बीमा कंपनियों ने 25,469.39 करोड़ रुपये का प्रीमियम संग्रहित किया जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 22,644.84 करोड़ रुपये था। एक साल के दौरान संग्रहित प्रीमियम में 12 प्रतिशत की वृध्दि हुई है।