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STT में इजाफा होने के बावजूद फ्यूचर ऐंड ऑप्शन्स कारोबार नई ऊंचाई पर

Last Updated- May 06, 2023 | 12:09 AM IST
F&O volume hit new highs despite STT hike
BS

भले ही सरकार ने प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) बढ़ा दिया है, लेकिन फिर भी वायदा एवं विकल्प (futures and options-F&O) सेगमेंट के लिए कारोबार की मात्रा अप्रैल में नई ऊंचाई पर पहुंच गई। डेरिवेटिव्स सेगमेंट के लिए औसत दैनिक कारोबार (एडीटीवी) 242 लाख करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया, जो मासिक आधार पर 2.6 प्रतिशत तक अधिक और सालाना आधार पर 2.3 गुना ज्यादा है।

केंद्र सरकार ने एफऐंडओ अनुबंधों की बिक्री पर एसटीटी 1 अप्रैल से 25 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, वहीं ऑप्शन कारोबार पर एसटीटी प्रति 1 करोड़ रुपये पर 5,000 रुपये से बढ़ाकर 6,250 रुपये कर दिया है जबकि फ्यूचर पर यह 0.01 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0125 प्रतिशत कर दिया गया है, जो प्रति करोड़ रुपये के कारोबार पर 1,250 रुपये बैठता है।

बाजार कारोबारियों का कहना है कि एडीटीवी में वृद्धि बाजार में तेजी को ध्यान में रखते हुए की गई थी और यह कर बढ़ने का वास्तविक प्रभाव तब ज्यादा महसूस होगा जब बाजार में गिरावट आएगी। अप्रैल में, निफ्टी-50 सूचकांक 4.1 प्रतिशत बढ़ा, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों में 5.9 प्रतिशत तथा 6.5 प्रतिशत की तेजी रही। कैश मार्केट सेगमेंट के लिए एडीटीवी मासिक आधार पर 4 प्रतिशत बढ़ा, लकिन सालाना आधार पर इसमें 25 प्रतिशत की कमी आई है।

अपस्टॉक्स के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी रवि कुमार ने हाल में एक साक्षात्कार में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘कारोबार पर एसटीटी वृद्धि का प्रभाव कई कारकों पर निर्भर करेगा, जैसे मौजूदा बाजार हालात और निवेशक धारणा। सामान्य तौर पर, एसटीटी में वृद्धि से कई कारणों से कारोबारी मात्रा में कमी को बढ़ावा मिल सकता है, मुख्य तौर पर ऊंची ट्रांजेक्शन लागत की वजह से। ट्रांजेक्शन लागत में इस वृद्धि से कुछ निवेशक ट्रेडिंग से परहेज कर सकते हैं या इससे उनकी ट्रेडिंग गतिविधि घट सकती है, खासकर अल्पावधि या बार बार ट्रेडिंग किए जाने की रणनीति में, जिसमें ट्रांजेक्शन लागत की मुनाफे में बड़ी भागीदारी होती है।’

First Published - May 6, 2023 | 12:09 AM IST

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