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फंडों से डेट योजनाओं के प्रतिफल में नकदी शामिल करने को कहा

Last Updated- December 12, 2022 | 4:56 AM IST

एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने फंड हाउसों से डेट योजनाओं के परिपक्व होने वाले प्रतिफल (वाईटीएम) की गणना के वक्त नकदी घटकों और उनके संबद्घ प्रतिफल शामिल करने को कहा है।

इस घटनाक्रम से अवगत विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुरू में म्युचुअल फंड हाउसों द्वारा डेट योजनाओं के पोर्टफोलियो प्रतिफल में कैश और कैश इक्विलेंट पर प्रतिफल को अलग रखे जाने को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी। विश्लेषकों के अनुसार, ऐसा करने से डेट योजनाओं का प्रतिफल अलग रह सकता है और इससे निवेशकों में प्रतिफल के लिहाज से अस्पष्ट जानकारी जा सकती है।

एम्फी ने फंड हाउसों को भेजे पत्र में कहा है, ‘यह स्पष्ट है कि नकदी घटक और उसका संबद्घ प्रतिफल पोर्टफोलियो वाईटीएम की गणना में शामिल किया जाना चाहिए। यह भी स्पष्ट किया गया है कि शुद्घ प्राप्य/देय के संदर्भ में नकदी घटक के भारित औसत प्रतिफल को निर्धारित किया जाना चाहिए और इसे

पोर्टफोलियो वाईटीएम की गणना में भी शामिल किया जाना चाहिए।’

वाईटीएम बॉन्ड पर कुल संभावित प्रतिफल है, यदि बॉन्ड को परिपक्व होने तक रखा जाए। पोर्टफोलियो प्रतिफल की गणना अक्सर पोर्टफोलियो में सभी प्रतिभूतियों (कैश और कैश इक्विलेंट समेत) के भारित औसत प्रतिफल को शामिल कर की जाती है।

पिछले साल नवंबर में सेबी ने ओपन एंडेड डेट म्युचुअल फंड योजनाओं को अपनी शुद्घ परिसंपत्तियों का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा 1 फरवरी 2021 से लिक्विड परिसंपत्तियों में बनाए रखना अनिवार्य किया था।

First Published - May 11, 2021 | 8:53 PM IST

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