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अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी से अप्रैल में FPI ने भारतीय इक्विटी से 6,300 करोड़ रुपये निकाले

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का भारी निवेश हुआ था।

Last Updated- April 28, 2024 | 11:56 AM IST
FPI Selling

मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में लगातार बढ़ोतरी के चलते विदेशी निवेशकों ने अप्रैल में घरेलू इक्विटी से 6,300 करोड़ रुपये निकाले।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का भारी निवेश हुआ था। आंकड़ों से पता चला कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने (26 अप्रैल तक) भारतीय इक्विटी से 6,304 करोड़ रुपये निकाले हैं।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ”अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में लगातार वृद्धि के कारण इक्विटी और बॉन्ड दोनों में एफपीआई ने ताजा निकासी की। वहां 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड अब लगभग 4.7 प्रतिशत है, जो विदेशी निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक है।”

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मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के संयुक्त निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि के तहत वहां से भारत में किए गए निवेश पर बदलाव विदेशी निवेशकों को परेशान कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा व्यापक आर्थिक संकेतों और ब्याज दर परिदृश्य में अनिश्चितता के साथ ही वैश्विक बाजारों से कमजोर संकेत उभरते बाजारों के लिए चुनौती बढ़ा रहे हैं।

First Published - April 28, 2024 | 11:56 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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