भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विदेशी निवेशकों को अपने मोबाइल नंबरों, ईमेल एड्रेस, और आय विवरण का डिपोजिटरी के समक्ष खुलासा करने की समय-सीमा को बढ़ा दिया है। खुलासा संबंधित इस नियम का मकसद मनी लाउंडरिंग यानी काले धन को वैध बनाने जैसे प्रयासों को नियंत्रित करना है।
एनएसडीएल ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा, ‘एमआईआई (मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस) से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के आधार पर, सेबी ने नए खाते खोलने के लिए 6 केवाईसी अनिवार्य बनाने की समय-सीमा को एक महीने तक आगे बढ़ाकर इसे 1 जुलाई 2021 कर दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए कारोबारियों से इसका अनुपालन करने को कहा गया है।’
6 केवाईसी में नाम, पता, पैन, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और आय का दायरा शामिल है। नए खातों के लिए केवाईसी संबंधित ये सभी 6 बदलाव 1 जून से अनिवार्य बनाए गए थे। समाधान निकालने और निवेशकों की चिंताएं दूर करने के लिए नियामक ने बुधवार को कस्टोडियन के समूह के साथ भी बैठक की, जिसमें कई विदेशी बैंक भी शामिल थे।
सभी मौजूदा खातों के लिए, कस्टोडियन को यह पुष्टि करनी थी कि सभी 6 बदलावों को सत्यापित किया गया था और जरूरत पडऩे पर जरूरी जानकारी उनके ग्राहकों को 31 मई या उससे पहले भेजी गई थी।
ये बदलाव कर से संबंधित स्थान, राष्ट्रीयता, और लाभार्थी स्वामित्व के विवरण के अलावा है, जिसे विदेशी निवेशकों द्वारा पेश करने की जरूरत होगी।
बुधवार को कस्टोडियनों ने खासकर निवेशकों के मोबाइल नंबर और डेटा गोपनीयता की वजह से आय दायरे को साझा करने में आने वाली समस्याओं को उठाया। वे चाहते हैं कि ये बदलाव ग्राहकों के लिए गैर-अनिवार्य बनाए जाएं जिनमें खासकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई), विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के जरिये जुडऩे वाले निवेशक शामिल हैं।
उदाहरण के लिए, कई विदेशी निवेशक आधिकारिक तौर पर अपने मोबाइल नंबर साझा करने की अनुमति नहीं देते हैं और कुछ इसे उस स्थिति में जोखिम समझते हैं जब कर्मचारी छोड़ देता है और उसका विवरण आधिकारिक रिकॉर्ड में बना रहता है।
एक विदेशी कस्टोडियन के लिए काम करने वाले वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘इस तरह की कुछ जानकारी देना कई विदेशी ग्राहकों द्वारा बेहद चुनौतीपूर्ण समझा जाता है। नियामक के पास हरेक एफपीआई के अनुपालन अधिकारी की ईमेल आईडी होती है और वह जरूरत पडऩे पर इस अधिकारी से संपर्क कर सकता है। संपर्क हमेशा ईमेल के जरिये औपचारिक तौर पर किया जाना चाहिए, जैसा कि हम इन वर्षों में हमेशा से देख रहे थे और इसे लेकर कोई समस्या नहीं आई थी।’
कस्टोडियनों ने बुधवार की बैठक में सेबी को बताया कि सॉवरिन वेल्थ फंड और पेंशन फंड (जिनका ऑडिट नहीं किया जाता हैं और अपने घरेलू क्षेत्राधिकार में अपनी आय का खुलासा नहीं करते हैं) किसी विदेशी क्षेत्राधिकार में इस करने के लिए अनिच्छक होंग।
