फाइनैंशियल सेक्टर के बड़े शेयरों में तेजी और अमेरिका में ऋण सीमा बढ़ने की खबरों से उत्साहित भारतीय शेयर बाजार सोमवार को बढ़त के साथ बंद हुए। BSE सेंसेक्स 344 अंक या 0.5 फीसदी बढ़कर 62,846 अंक पर बंद हुआ, जबकि NSE निफ्टी 109 अंक या 0.6 फीसदी की बढ़त के साथ 18,608 अंक पर बंद हुआ।
बढ़त को मुख्य तौर पर बैंकिंग शेयरों से दम मिला और बैंक निफ्टी 357 अंक या 0.8 फीसदी की बढ़त के साथ 44,375 अंक की सर्वकालिक ऊंचाई को छू गया। बैंक निफ्टी ने 166 दिनों के बाद अपनी नई ऊंचाई हासिल की है।
MOFSL के प्रमुख (डीलिंग ऐंड एडवाइजरी- ब्रोकिंग ऐंड डिस्ट्रीब्यूशन) संदीप गुप्ता ने कहा कि अधिकतर बैंकों का वित्तीय प्रदर्शन दमदार रहने के कारण बैंकिंग शेयरों में तेजी दिख रही है। उन्होंने कहा, ‘मार्जिन बढ़ने के अलावा परिसंपत्ति की गुणवत्ता में भी लगातार सुधार हुआ है। विभिन्न श्रेणियों में ऋण वितरण की वृद्धि भी दमदार रही है।’
गुप्ता ने कहा, ‘सूचकांक का प्रदर्शन दमदार रहा है और आगे भी इसका प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। सूचकांक अब 45 से 46 हजार अंकों की ओर बढ़ सकता है।’
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और सदन के स्पीकर केविन मैकेथी के बीच 31.4 लाख करोड़ डॉलर के ऋण सीमा को जनवरी 2025 के लिए बनी सहमति से भी बाजार धारणा मजबूत हुई है। इसके लिए बाइडन और रिपब्लिकन पार्टी के प्रतिनिधियों के साथ कई सप्ताह से बातचीत चल रही थी। हालांकि, इस पर अमेरिकी कांग्रेस का मुहर लगना अभी बाकी है। इस पर 5 जून से पहले मंजूरी मिलना जरूरी है, अन्यथा अमेरिकी सरकार भुगतान में चूक जाएगी।
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विश्लेषकों ने चेताया है कि अगर अमेरिकी कांग्रेस से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में फिर वृद्धि की जा सकती है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अजीत मिश्र ने कहा, ‘हमारा मानना है कि विभिन्न क्षेत्रों में बारी-बारी से खरीदारी होने से सूचकांकों को सकारात्मक रहने में मदद मिलेगी और वैश्विक कारणों से होने वाली गिरावट खरीदारी का अवसर होगा। हमारी पसंद के प्रमुख क्षेत्रों में बैंकिंग, फाइनैंशियल, वाहन और FMCG शामिल है। हमारी सलाह है कि अन्य क्षेत्रों में सोच समझकर निवेश करें।’