facebookmetapixel
आरएसएस के 100 साल : विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारीमीशो सेल में 2.06 अरब ग्राहक पहुंचे, त्योहारी खरीदारी में रिकार्ड वृद्धिअपनी 100 वर्षों की यात्रा में संघ ने समाज में आत्मबोध, स्वाभिमान जगायामहंगाई पर RBI की कड़ी नजर जरूरी, संसद की निगरानी से बढ़ेगी जवाबदेहीफीकी पड़ती चाय: जलवायु परिवर्तन भारत को श्रीलंका और नेपाल की चाय की ओर धकेल सकता हैEditorial: आरबीआई ने रीपो रेट 5.5% पर बरकरार रखा, महंगाई और आर्थिक वृद्धि पर फोकसRBI ने बैंकों के लोन की लागत घटाने, ऋण प्रवाह बढ़ाने और रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए कई उपाय किएAuto Sales: सितंबर में कारों की बिक्री ने भरा फर्राटा, त्योहारी मौसम और जीएसटी कटौती से थोक बिक्री 5.4% बढ़ीविवाद सुलझाने वाला सर्कुलर एक महीने के भीतर जारी होने की उम्मीद : आईबीबीआईLG इलेक्ट्रॉनिक्स चाहे ₹77,400 करोड़ का मूल्यांकन, 7 अक्टूबर को खुलेगा आईपीओ

सिंगापुर से निफ्टी में कारोबार कर रहे हैं एफआईआई

Last Updated- December 05, 2022 | 9:10 PM IST

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई)ने पी नोट्स के जरिए निवेश पर लगी पाबंदी से निपटने का नया रास्ता निकाल लिया है।


अब वो सिंगापुर में बैठकर निफ्टी इंडेक्स में कारोबार कर रहे हैं। ये निवेशक निफ्टी इंडेक्स में अपना कारोबार धीरे धीरे सिंगापुर एक्सचेंज (एसजीएक्स) के जरिए कर रहे हैं। सिंगापुर एक्सचेंज का एसजीएक्स निफ्टी इंडेक्स एनएसई के इंडेक्स पर ही आधारित है।


यही वजह है कि भारतीय बाजार में कारोबार के नियम कानून, पी नोट्स के जरिए निवेश पर पाबंदी और घरेलू वित्तीय बाजार में मची उथल पुथल की वजह से भारत में कारोबार करना उन्हे अब उतना आकर्षक नहीं लग रहा है।निफ्टी की ओपन इंटरेस्ट पोजीशन भी सिंगापुर के इस एक्सचेंज में लगातार बढ़ रहा है।


एल्डवायस सेक्योरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक इस एक्सचेंज में पिछले अक्टूबर में पी नोट्स के जरिए निवेश पर सेबी की पाबंदी के बाद सिंगापुर एक्सचेंज के एसजीएक्स निफ्टी का ओपन इंटरेस्ट 1130 करोड़ से बढ़कर 1590 करोड़ हो गया है। ओपन इंटरेस्ट उन वायदा सौदों का आंकड़ा है जो फिलहाल निपटाए नहीं गए हैं। इस दौरान एनएसई के निफ्टी फ्यूचर्स का ओपन इंटरेस्ट 19000 करोड़ से घटकर 18070 करोड़ पर आ गया।


यही नहीं एनएसई वायदा के ओपन इंटरेस्ट में एसजीएक्स निफ्टी का हिस्सा भी पी नोट्स पर पाबंदी के बाद अचानक 5.6 फीसदी से बढ़कर 8 फीसदी हो गया और अब तो ये 31.5 फीसदी तक जा पहुंचा है। रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम होने और पी नोट्स के नियमों की पेचीदगियां नहीं होने की वजह से ही ये एफआईआई सिंगापुर के एक्सचेंज से कारोबार करना मुनासिब समझ रहे हैं।


योगेश राडके और सैफुल्ला रईस की रिपोर्ट के मुताबिक पी नोट्स का मामला आते ही कारोबार में ये शिफ्ट दिखना शुरू हो गया था और इसकी उम्मीद भी की जा रही थी। इसके अलावा पिछले 20 नवंबर से इस एक्सचेंज में कॉन्ट्रैक्ट साइज भी दस डॉलर से घटाकर दो डॉलर कर दिया गया है, इसकी वजह से भी एसजीएक्स निफ्टी वायदा कारोबार बढ़ा है। इससे लिक्विडी पर असर पड़ा और ओपन इंटरेस्ट बढ़कर 36 अरब रुपए तक जा पहुंचा।


रिपोर्ट के मुताबिक 14 जनवरी तक निफ्टी का स्तर  6000 से ऊपर था और एसजीएक्स निफ्टी का ओपन इंटरेस्ट जनवरी-जून2007 के स्तर से पांच गुना ज्यादा था। जनवरी से मार्च 2008 के बीच जब बाजार गिरा तो एसजीएक्स निफ्टी का ओपन इंटरेस्ट 91 अरब रुपए का था जो कुल ओपन इंटरेस्ट का 31.5 फीसदी था।


इस दौरान निफ्टी का ओपन इंटरेस्ट 198 अरब रुपए का था। रिपोर्ट में कहा गया कि 23 जनवरी से निफ्टी के कुल ओपन इंटरेस्ट का 30 फीसदी से ज्यादा सिंगापुर एक्सचेंज के जरिए बना है।

First Published - April 10, 2008 | 11:07 PM IST

संबंधित पोस्ट