facebookmetapixel
Year Ender 2025: IPO बाजार में सुपरहिट रहे ये 5 इश्यू, निवेशकों को मिला 75% तक लिस्टिंग गेनIDFC FIRST ने HNIs के लिए लॉन्च किया इनवाइट-ओनली प्रीमियम कार्ड ‘Gaj’; जानें क्या है खासियत90% प्रीमियम पर लिस्ट हुए इस SME IPO के शेयर, निवेशकों को नए साल से पहले मिला तगड़ा गिफ्ट2026 में सोना-चांदी का हाल: रैली जारी या कीमतों में हल्की रुकावट?Gujarat Kidney IPO की शेयर बाजार में पॉजिटिव एंट्री, 6% प्रीमियम पर लिस्ट हुए शेयरGold silver price today: सोने-चांदी के दाम उछले, MCX पर सोना ₹1.36 लाख के करीबDelhi Weather Today: दिल्ली में कोहरे के चलते रेड अलर्ट, हवाई यात्रा और सड़क मार्ग प्रभावितNifty Outlook: 26,000 बना बड़ी रुकावट, क्या आगे बढ़ पाएगा बाजार? एनालिस्ट्स ने बताया अहम लेवलStock Market Update: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, सेंसेक्स 50 अंक टूटा; निफ्टी 25900 के करीबबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, 80 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

बढ़ती महंगाई व ऊंची ब्याज दरों का भय सताये रे…

Last Updated- December 05, 2022 | 7:12 PM IST

पुनीत लखोटिया शादी करना चाहते हैं। वह 26 साल के जवान हैं और बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते हैं। लेकिन उनकी शादी के लिए एक ही दिक्कत आ रही है।


वह दिक्कत है कि उन्हें अपने बजट के मुताबिक खरीदने के लिए घर नहीं मिल रहा है। कुछ समय पहले जब विभिन्न बैंकों ने अपनी-अपनी ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की थी तो लखोटिया को लगा था कि वे जल्द ही अब अपने लिए घर खरीद लेंगे।


लेकिन हाल के दौरान बढ़ती महंगाई को देखते हुए वे फिर से इस बात को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। उन्हें इस बात का भय सता रहा है कि रिजर्व बैंक की नीतिगत घोषणाओं के बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है। अब वे इस बात के लिए प्रार्थना कर रहे हैं कि प्रॉपर्टी की कीमत जल्द से जल्द नीचे आ जाए।


चेतन टंडल अपने पिता की मारुति कार को बदलने की सोच रहे हैं। उनके पिता की मारुति कार 1992 मॉडल की है और वे उसे बदलकर अपने पिता के लिए मारुति के मुकाबले अच्छी कार लेना चाहते हैं। लेकिन अब उन्होंने इस योजना को फिलहाल टाल दिया है। क्योंकि उन्हें इस बात की आशंका है कि कार के लिए कर्ज लेने पर उनके घर का बजट बिगड़ सकता है।


निश्चित रूप से ये दो उदाहरण इस बात के संकेत है कि उपभोक्ता आने वाले समय की आर्थिक दशा को लेकर बहुत उत्साहित नहीं है। गत जनवरी से लेकर अब तक जिन बातों की आशंका जाहिर की गई वे सभी बातें सही साबित हईं। सेंसेक्स 21,000 से नीचे गिकर 15,500 के स्तर पर आ गया।


इसी तरीके से महंगाई दर की बढ़ोतरी की आशंका जताई गई थी जो सही साबित हुई। अब इस बात की संभावना है कि ब्याज दर या तो पुराने स्तर पर रहेंगे या उनकी हालत और खराब हो जाएगी। ब्याज दरों के  बढ़ने की बात की चर्चा भी पिछले कुछ महीनों से जोरों पर है।


एनसीडीईएक्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस कहते हैं, महंगाई की दर में बढ़ोतरी के लिए मुख्य रूप से आपूर्ति पक्ष का कमजोर होना जिम्मेदार है, फिर भी इस बात की उम्मीद है कि सरकार अपनी आगामी क्रेडिट नीति के दौरान कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में बढ़ोतरी करने की घोषणा कर सकती है।


साफ तौर पर जाहिर है कि आने वाले समय में उपभोक्ता दिक्कतों का सामाना करने जा रहा है। लखोटिया जैसे नए घरों के खरीदार के लिए अब भगवान से प्रार्थना करने का ही समय नजर आ रहा है। नहीं तो बाजार में घर खरीदने के लिए वित्तीय सुविधाओं की कमी होने वाली है।


हालांकि अगर पहली बार घर खरीदने वालों के लिए जानकारों की यही राय है कि खरीदारी करने में किसी प्रकार का विलंब ठीक नहीं है। बाजार में नकारात्मक रुख काम कर रहा है लेकिन खरीदारी में देरी करने का कोई मतलब इसलिए नहीं है क्योंकि कुछ सालों के बाद इस प्रकार के नकारात्मक बातों से उबर जाएंगे।


आईडीबीआई बैंक  के उप प्रबंध निदेशक जीतेंद्र बालाकृष्णन कहते हैं, अगर सीआरआर में 0.25 से लेकर .50 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है तो इससे उपभोक्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि इतने से अंतर से घरों के लिए कर्ज लेने वालों की पॉकेट से निकलने वाले पैसे में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वह लगभग अपने पुराने स्तर पर ही रहेगा।फिर भी इस दौरान सावधान रहने की जरूरत है।


वित्तीय सलाहकार के मुताबिक लोगों के लिए सुरक्षित मामला यही रहेगा कि वे बहुत अधिक जोखिम लेने की ख्वाहिश नहीं पाले। यहां तक कि घर खरीदारी के लिए कर्ज लेते वक्त भी। कोशिश यह होनी चाहिए कि होम लोन के भुगतान के लिए दी जाने वाली मासिक किस्त टेकहोम वेतन की 40-50 फीसदी से ज्यादा न हो। सही बात तो यह है कि सुरक्षित रहने के लिए अपने तमाम कर्ज के लिए दी जाने वाली किस्त आपके वेतन के 50 फीसदी तक ही सीमित रहे।


ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि कई खरीदार बाद में ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने पर किस्त चुकाने के मामले में काफी दिक्कत में पड़ जाते हैं। और बीते सालों में इस प्रकार  के कई उदाहरण सामने आए हैं। ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण होम लोन के बदले दी जाने वाली किस्तों में 10 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई। ऐसे में जब इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि आने वाले छह महीनों में ब्याज दरों में मजबूती दर्ज की जाएगी तो अच्छा होगा कि कोई दबाव नहीं लिया जाए।


एक अन्य वित्तीय सलाहकार कहते हैं, ‘बीते दो सालों के दौरान कई प्रोफेशनल्स ने पाया हैं कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण उनकी योजनाएं बिल्कुल बेकार हो गईं। यहां तक कि मेरे कुछ मुवक्किलों ने निवेश के लिए रखे अपने पैसे को किस्त भुगतान में लगा दिया।’


प्रॉपर्टी में निवेश करने वालों के लिए बिल्कुल साफ सलाह है कि वे आगामी छह महीनों तक बाजार का रुख देखे और इंतजार करे। प्रॉपर्टी के मूल्यों पर निश्चित रूप से आने वाले समय में दबाव पड़ने वाला है। कर्ज लेकर कार खरीदने वालों को इस काम को अंजाम तक पहुंचाने में देर करना ही उचित रहेगा। वित्तीय योजनाकार गौरव मशरूवाला कहते हैं, ‘अगर आप कार खरीदने के लिए कर्ज ले रहे है तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप कुछ दिन इंतजार करे।


इस दौरान सबसे अच्छी बात रहेगी कि आप किसी भी प्रकार का कर्ज लेने से बचे। यहां तक कि ग्रीष्माकालीन अवकाश के दौरान घूमने के लिए कर्ज की पेशकश की जा रही है तो उसे भी मना कर दे। दूसरे शब्दों में कहे तो खर्च करने के फैसले को बहुत सोच समझ कर ले क्योंकि अभी स्टॉक मार्केट आपको फायदा पहुंचाने की स्थिति में नजर नहीं आ रहा है। और महंगाई की बढ़ती दर व ब्याज दरों में बढ़ोतरी भी आपके वेतन पर अतिरिक्त भार डालेगी।’

First Published - April 7, 2008 | 12:14 AM IST

संबंधित पोस्ट