डेरिवेटिव ट्रेडिंग के नियमों पर बाजार नियामक सेबी की सख्ती की घोषणा के बाद एकमात्र सूचीबद्ध स्टॉक एक्सचेंज बीएसई का शेयर 3 फीसदी चढ़ गया जबकि अग्रणी डिस्काउंट ब्रोकर ऐंजल वन का शेयर 4.5 फीसदी उछल गया। अन्य सूचीबद्ध ब्रोकरेज फर्मों के शेयरों में भी गिरावट आई। सेबी के नए नियमो को ब्रोकरों के वॉल्यूम पर चोट करने वाला माना जा रहा है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का शेयर 2.3 फीसदी गिरा जबकि 5पैसा कैपिटल 2.9 फीसदी टूटा। आदित्य बिड़ला मनी में 3.5 फीसदी और जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शेयर में 1.7 फीसदी की गिरावट आई। बीएसई और ऐंजल वन में बढ़ोतरी विश्लेषकों की इस रिपोर्ट के बाद हुई जिसमें उन्होंने उनकी आय पर अनुमान से कम असर की संभावना जताई है।
सेबी ने डेरिवेटिव कारोबार में उतरने पर ज्यादा अवरोध लगाए हैं और मार्जिन की जरूरत में इजाफा किया है। इसके अलावा वायदा एवं विकल्प बाजार में खुदरा निवेशकों के बढ़ते जुनून पर लगाम के लिए कुछ अन्य कदम भी उठाए हैं।
विश्लेषकों और बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि 20 नवंबर के बाद तब सही तस्वीर सामने आएगी जब ज्यादातर बदलाव लागू होंगे। हालांकि उनका अनुमान है कि बाजार के अग्रणी एनएसई के मुकाबले बीएसई पर कम असर पड़ेगा।
बीएसई का शेयर 3 फीसदी की बढ़त के साथ 3,980 रुपये पर बंद हुआ जो कारोबारी सत्र में 8 फीसदी तक उछल गया था। बीएसई के पास साप्ताहिक एक्सपायरी वाले सिर्फ दो प्रॉडक्ट हैं जबकि एनएसई के पास चार।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एनएसई का ऑप्शन प्रीमियम टर्नओवर 40 फीसदी तक प्रभावित हो सकता है जबकि बीएसई का 20 फीसदी। हालांकि हाल में टैरिफ में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए आय पर असर कम रहेगा और हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 26 के ईपीएस पर एनएसई पर 20 फीसदी और बीएसई पर 5 फीसदी का असर होगा। यह अनुमान पूरे साल के लिए है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएसई के राजस्व पर करीब 30 फीसदी असर की संभावना है जबकि बीएसई पर करीब 10-12 फीसदी।
ऐंजल वन का शेयर कारोबारी सत्र में सात फीसदी से ज्यादा चढ़ा लेकिन अंत में 4.5 फीसदी की बढ़त के साथ 2,716 रुपये पर बंद हुआ। ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ने ऐंजल वन पर खरीद रेटिंग बरकरार रखी है। अग्रणी डिस्काउंट ब्रोकर जीरोधा भी नए नियम लागू होने पर अपने शुल्कों में बदलाव पर विचार कर सकती है।