facebookmetapixel
Share Market Today: साल 2025 के आखिरी कारोबारी दिन कैसी रहेगी बाजार का चाल? GIFT निफ्टी सपाट; एशियाई बाजारों में गिरावटStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड में

एक्सचेंजों ने तकनीकी गड़बड़ी के नियम संशोधित किए, स्टॉक ब्रोकरों को राहत

तकनीकी गड़बड़ी की पहली और दूसरी घटनाओं के लिए क्रमशः ऑवजर्वेशन लेटर और प्रशासनिक चेतावनी दी जाएगी। लेकिन उसी वित्त वर्ष में तीसरी बार ऐसा होने पर दंड लगाया जाएगा।

Last Updated- April 01, 2025 | 10:21 PM IST
Stock Market

मंगलवार से स्टॉक एक्सचेंजों ने तकनीकी गड़बड़ियों के मामले में स्टॉक ब्रोकरों को दंड में राहत दी है। मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशंस में समस्याओं, बैक-ऑफिस या संचालन संबंधी परेशानी के कारण व्यवधानों पर (जो ट्रेडिंग और सेटलमेंट को प्रभावित नहीं करते हैं) और नए ट्रेडिंग खाते को प्रोसेस करने या पेमेंट गेटवे की तकनीकी समस्याओं के लिए अब मौद्रिक दंड नहीं लगेगा।

लेकिन स्टॉक ब्रोकरों को दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसी गड़बड़ियों की जानकारी देनी होगी। एक्सचेंजों ने उन मामलों में भी संशोधन किया है, जिन्हें तकनीकी गड़बड़ी माना जाएगा और जिनमें ब्रोकर की कोई गलती नहीं है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड से अनुमोदन के बाद स्टॉक एक्सचेंजों ने शुक्रवार को संशोधित दिशानिर्देश और विवरण प्रकाशित किए।

तकनीकी गड़बड़ी की पहली और दूसरी घटनाओं के लिए क्रमशः ऑवजर्वेशन लेटर और प्रशासनिक चेतावनी दी जाएगी। लेकिन उसी वित्त वर्ष में तीसरी बार ऐसा होने पर दंड लगाया जाएगा। जहां विशिष्ट शेयर ब्रोकरों, (जो आमतौर पर बड़े ब्रोकर होते हैं) को हर मामले के लिए 50,000 रुपये का भुगतान करना होगा वहीं अन्य ब्रोकरों पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। आगे की गड़बड़ियों के लिए यह धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा।

छठे मामले के बाद शेयर ब्रोकरों को तब तक नए ग्राहक जोड़ने पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है जब तक एक्सचेंज सुधार के उपायों से संतुष्ट नहीं हो जाता। परिपत्र में कहा गया है, नए ग्राहकों को शामिल न कर पाने के मामले में दंड लगाते समय केवल उन तकनीकी गड़बड़ियों पर विचार किया जाएगा जहां ऑडिटर द्वारा प्रमाणित 5 फीसदी से अधिक सक्रिय ग्राहक (गड़बड़ी वाले दिन के पिछले कारोबारी दिन के अनुसार) गड़बड़ी के कारण प्रभावित हुए हैं।

इसके अलावा, गड़बड़ी के बारे में एक्सचेंजों को सूचित करने या प्रारंभिक घटना की रिपोर्ट या मूल कारणों के विश्लेषण वाली रिपोर्ट प्रस्तुत करने में देरी से संबंधित दंड के लिए ढांचे के तहत एक ऊपरी सीमा भी तय की गई है।

First Published - April 1, 2025 | 10:21 PM IST

संबंधित पोस्ट