साल 2021 में इक्विटी पर भरोसा करने वाले निवेशकों को काफी ज्यादा रिटर्न मिला और निवेश वाली बाकी परिसंपत्ति वर्गों को उसने बड़े अंतर से पीछे छोड़ा। बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी ने साल 2021 में क्रमश: 22 फीसदी व 24 फीसदी का रिटर्न दिया। इक्विटी फंडों की कुछ निश्चित श्रेणियों मसलन लार्ज व मिडकैप, फ्लेक्सी कैप, मिडकैप व स्मॉलकैप योजनाओं का रिटर्न तो और भी ज्यादा रहा और ये 30 से 60 फीसदी के दायरे में रहे।
इसकी तुलना में एमसीएक्स गोल्ड की कीमतें साल 2021 मेंं 6 फीसदी से ज्यादा फिसलीं। आवासीय परिसंपत्तियों का रिटर्न सात अग्रणी शहरों में औसतन 1 से 3 फीसदी तक रहा। सावधि जमाओं पर 5 फीसदी से कम रिटर्न मिला जबकि डेट फंडों का रिटर्न 4 फीसदी से कम रहा। कर व महंगाई को समायोजित करने के बाद यह रिटर्न और भी कम होगा। उतारचढ़ाव व कई बार गिरावट के बावजूद भारतीय इक्विटी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची, जिसे वैश्विक नकदी और उभरते बाजारों में सबसे ज्यादा निवेश हिस्सेदारी से सहारा मिला।
प्राइमइन्वेस्टर डॉट इन की सह-संस्थापक विद्या बाला ने कहा, साल 2021 आसान मुद्रा वाला वर्ष था, जो नकदी के सहारे आगे बढ़ा न कि फंडामेंटल के जरिये। कुछ क्षेत्रों में आय की रफ्तार नहीं बढऩे के बावजूद ऐसा हुआ। अपने इक्विटी आवंटन और अपने पोर्टफोलियो को जरूरत के हिसाब से दोबारा संतुलित करने की समीक्षा के लिहाज से यह समय सही है।
इस साल खुदरा भागीदारी में इजाफा हुआ, खास तौर से डायरेक्ट इक्विटीज में। नवंबर में भारत मेंं कुल डीमैट खाते 7.72 करोड़ थे, जो साल 2020 के आखिर में 4.98 करोड़ और 2019 के आखिर में 3.93 करोड़ थे।
फायर्स के सह-संस्थापक तेजस खोड़े ने कहा, अब नए डीमैट खाते मोटे तौर पर युवा खुलवा रहे हैं, खास तौर से नई पीढ़ी के युवा। यह बड़ी खबर है क्योंंकि युवा निवेशकोंं ने काफी कम पूंजी के साथ अपनी यात्रा शुरू की है, ऐसे में वे कम जोखिम ले रहे हैं और प्रयोग के लिए व सीखने के लिए उनके पास काफी वक्त है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, महामारी के दौरान शेयर बाजार के बारे मेंं सीखने के लिए निवेशकों के पास पर्याप्त वक्त था। नई पीढ़ी के निवेशकों के पास एक दशक पहले बाजार पहुंचने वाले निवेशकों के मुकाबले ज्यादा सूचना है। पुराने निवेशक ब्रोकरेज की सलाह व अपात्र निवेश सलाहकारों की सूचना पर ज्यादा भरोसा करते थे। हालांकि पिछले डेढ़ साल में बाजार में उतरने वाले नए निवेशकों ने बाजार का एक ही पक्ष देखा है और उनका भरोसा डिग सकता है।
ट्रानसेंड कैपिटल के निदेशक कार्तिक जवेरी ने कहा, कामयाब निवेशक बनने के लिए इक्विटी निवेशकों को किसी भी समय 20 फीसदी की गिरावट के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर आपके पास शेयर चुनने की क्षमता है और पांच साल के ज्यादा निवेशित रहने का समय है तो इक्विटी आवंटन 70 से 80 फीसदी तक जा सकता है।