सरकार के निर्णय कि वह फ्लैटरोल स्टील प्रोडक्ट पर लगने वाले आयात शुल्क में 15 फीसदी की कटौती करेगी,अगर इस निर्णय का किसी कंपनी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वह है जेएसडब्ल्यू स्टील।
वित्तीय वर्ष 2007-08 में जेएसडब्ल्यू स्टील की कुल बिक्री 12,456 करोड़ में से 30 फीसदी आयात से आता है। इसमें मुख्य भागेदारी फ्लैट प्रोडक्ट की है। जबकि टाटा स्टील को सरकार के इस कदम का कोई खास लाभ नहीं मिला क्योंकि कंपनी की बिक्री में उसके आयात का हिस्सा बहुत ही कम है।
लेकिन पाइप बनाने वाली कंपनियां जैसे मैन इंड्रस्टीज और वेलस्पन गुजरात जिनका करीब सारा कारोबार आयात पर ही निर्भर है,उनके खुश होने की कई वजहें हैं। इन कंपनियों की टॉपलाइन ग्रोथ का 80 फीसदी आयात से ही आता है।
इसके अलावा लंबे उत्पादों पर सेस को 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर देने के सरकारी कदम से टाटा स्टील पर कोई प्रभाव नहीं पडेग़ा जबकि अगर जेएसडब्ल्यू के लिहाज से देखा जाए तो उसकी बिक्री में इस प्रकार के उत्पादों की हिस्सेदारी महज 10 से 11 फीसदी है। स्टील कंपनियों को लौह अयस्क के आयात पर करों को समरुपता का लाभ मिल सकता है जिससे कंपनियों को घरेलू बाजार में इस कच्चे माल के दामों का नियंत्रण करने में मद्द मिलेगी।
उदाहरण के लिए अगर जेएसडब्ल्यू स्टील की बात की जाए तो वह अपनी जरुरत का ज्यादातर लौह अयस्क स्पॉट मार्केट से खरीदता है और आगे इस अयस्क के दामों में कमी देख सकता है। लौह अयस्क का वितरण करने वाली कंपनी सेसा गोवा को इस सरकारी कदम से नुकसान उठाना पड़ सकता है। गौरतलब है कि फ्लैट रोल्ड प्रोडक्ट में हॉट रोल्ड कोयल्स,स्टील पाइप्स और टयूब को शामिल किया जाता है जबकि लंबे उत्पादों में रॉड्स,चैनल्स और बार को शामिल किया जाता है।
इन उत्पादों का इस्तेमाल मुख्यत: निर्माण उद्योग में किया जाता है। इन कदमों के टाटा स्टील पर कोई प्रभाव न पड़ने के चलते टाटा स्टील की प्रति शेयर आय के वित्त्तीय वर्ष 2009 में 90 रुपये के करीब रहने के आसार हैं। वर्तमान बाजार मूल्य 850 रुपये पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 9.4 गुना के स्तर पर हो रहा है और बाजार के माहौल को देखते हुए यह सस्ता नहीं है।
दूसरी ओर सितंबर से वापसी के मजबूत होने पर सितंबर 2008 से जेएसडब्ल्यू स्टील की वित्त्तीय वर्ष 2009 में बेहतर आय होनी चाहिए। वित्त्तीय वर्ष 2009 में कंपनी के स्टॉक का अनुमानित मूल्य 110 रुपये के स्तर पर रहना चाहिए। मौजूदा बाजार मूल्य 993 रुपये पर कंपनी केस्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से नौ गुना के स्तर पर हो रहा है और इसके महंगे रहने के आसार हैं।
पाइप बनाने वाली कंपनियां जैसे वेलस्पन गुजरात जिसका 95 फीसदी टर्नओवर आयात से आता है, अपनी विदेशी कंपनियों को करने वाली आपूर्ति में कमी की। ताकि वह कम आयात शुल्क चुकाए। इसका प्रभाव कंपनी की टॉपलाइन ग्रोथ पर भी पड़ा और उसमें 50 करोड़ की कमी देखी गई। यद्यपि अब इस कर को हटा लिया गया है इसलिए कंपनी अब अच्छी बढ़त हासिल कर सकती है।
वेलस्पन का राजस्व भी वित्त्तीय वर्ष 2009 में 5,800 करोड़ के करीब होने के आसार हैं और कंपनी की प्रति शेयर आय 32 रुपये के आसपास रहनी चाहिए। मौजूदा बाजार मूल्य 378 रुपये पर कंपनी केस्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 की अनुमानित आय से 12 गुना के स्तर पर हो रहा है और व्यापक बाजार में इसके आउटपरफार्म करने के आसार हैं।
कर हटाने के इस कदम से मैन इंडस्ट्रीज पर भी प्रभाव पड़ना चाहिए क्योंकि जब तक कर लिया जाता था कंपनी ने एक भी पाइप का निर्यात नहीं किया। मैन इंड्रस्टीज की वित्त्तीय वर्ष 2009 में प्रति शेयर आय 19 रुपये के आसपास रहनी चाहिए। जबकि मौजूदा बाजार मूल्य 98 रुपये पर कंपनी केस्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से पांच गुना के स्तर पर हो रहा है।
सेसा गोवा की आय में भी कमी आयी और कंपनी को आसार है कि वह वित्त्तीय वर्ष 2009 में 535 रुपये की प्रति शेयर आय प्राप्त कर लेगी। मौजूदा बाजार मूल्य 3,729 रुपये पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय के सात गुना के स्तर पर हो रहा है।