कमजोर मांग से टाइल की फीकी पड़ रही चमक, Kajaria Ceramics के शेयरों में गिरावट

भारत के टाइल क्षेत्र ने करीब 2,000 करोड़ रुपये राजस्व के साथ जुलाई में शानदार निर्यात दर्ज किया।

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राम प्रसाद साहू   
Last Updated- October 15, 2023 | 11:00 PM IST

बढ़ती उत्पादन लागत और सुस्त घरेलू मांग की चिंताओं के बीच देश की प्रख्यात सूचीबद्ध टाइल निर्माता कजारिया सिरेमिक्स का शेयर पिछले महीने 7 प्रतिशत तक गिर गया।

अन्य सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में भी पिछले महीने कमजोरी आई, अलबत्ता अक्टूबर में इनमें कुछ सुधार दर्ज किया गया।जहां मजबूत निर्यात से घरेलू बाजार कीमतों को ताकत मिलने की संभावना है, वहीं पिछले कुछ महीनों से गैस कीमतों में तेजी से वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में मार्जिन प्रभावित हो सकता है।

टाइल कंपनियों ने जून तिमाही में 7-8 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज की, क्योंकि उन्हें तिमाही के अंत में सुधार से बड़ा लाभ मिला। लेकिन इस क्षेत्र ने सितंबर तिमाही में भी कमजोर घरेलू मांग का सामना किया है।

जेएम फाइनैं​शियल रिसर्च में आचल लोहाडे और विनीत शंकर ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘जुलाई-अगस्त में भी मांग परिदृश्य कमजोर बना रहा। संबद्ध भागीदारों और कंपनियों को प्ला​स्टिक पाइप/इलेक्ट्रिक वायर के लिए मजबूत मांग को देखते हुए अक्टूबर से मांग में सुधार की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में कमजोर मांग परिवेश को देखते हुए हमने अपने कवरेज वाली कंपनियों के लिए बिक्री अनुमान वित्त वर्ष 2024 के लिए 1-2 प्रतिशत तक घटा दिए हैं।’

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का मानना है कि टाइल के लिए घरेलू मांग सुस्त बनी हुई है, लेकिन रियल एस्टेट क्षेत्र से बेहतर मांग की मदद से वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही से इसमें सुधार की उम्मीद है।

ब्रोकरेज का मानना है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में टाइल की मांग पिछले साल के मुकाबले सपाट बनी रहेगी। हालांकि उसका मानना है कि कजारिया सिरेमिक्स बाजार भागीदारी बढ़ने की वजह से सालाना आधार पर 7 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज करने में कामयाब रहेगी। दूसरी तरफ, निर्यात मजबूत बना हुआ है, जिससे घरेलू बाजार में कीमतों को मदद मिल सकती है।

भारत के टाइल क्षेत्र ने करीब 2,000 करोड़ रुपये राजस्व के साथ जुलाई में शानदार निर्यात दर्ज किया।

जुलाई के लिए टाइल निर्यात 5.5 करोड़ वर्ग फुट रहा, जो सालाना आधार पर 41.5 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 52.5 प्रतिशत की वृद्धि है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अरुण बैद और सोहिल कउरा का मानना है कि अप्रैल-जुलाई के लिए निर्यात कम गैस कीमतों और ऊंची माल ढुलाई लागत की वजह से सालाना आधार पर 30.8 प्रतिशत तक बढ़ गया। यह रुझान अल्पाव​​​धि में भी बने रहने की संभावना है, क्योंकि माल ढुलाई खर्च नरम है और गैस कीमतें सालाना आधार पर नीचे हैं।

हालांकि अल्पाव​धि चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन जेएम फाइनैं​शियल रिसर्च वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में मांग सुधरने को लेकर उत्साहित है। उसने कजारिया सिरेमिक्स और सोमानी सिरेमिक्स पर खरीदें रेटिंग बरकरार रखी है, जबकि सेरा सैनिटरीवेयर पर ‘होल्ड’ रेटिंग बनाए रखी है।

First Published : October 15, 2023 | 10:56 PM IST