जब डयूश असेट मैनेजमेंट कंपनी के डेट फंड डीडब्ल्यूएस फिक्स्ड टर्म फंड सीरीज 43 (ग्रोथ ऑप्शन)की बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में इस साल 4 अप्रैल को लिस्टिंग हुई थी, तब शायद ही किसी को अंदाजा रहा होगा कि 24 दिनों में ही इस फंड की नेट असेट वैल्यू ( कुल परिसंपत्ति मूल्य) दोगुनी होकर 20 रुपये पर पहुंच जाएगी।
इस अप्रत्याशित बढ़त से सशंकित होकर इस असेट मैनेजमेंट कंपनी ने पिछले हफ्ते बड़े समाचार-पत्रों में जारी एक नोटिस के जरिए अपने निवेशकों को इसकी जानकारी दी। इस विज्ञापन में असेट मैनेजमेंट कंपनी के इन्वेस्टमेंट ऑफीसर सुरेश सोनी ने साफतौर पर कहा कि इस फंड की नेट असेट वैल्यू में इतने दिनों में ही इतना इजाफा होने की कोई विशेष वजह नहीं है क्योंकि फंड की लिस्टिंग के बाद निवेशक ही उसका मूल्य निर्धारित करते हैं।
इस फंड का कारोबार अभी 13.90 रुपये प्रति यूनिट पर हो रहा है जो फंड के लिस्टिंग मूल्य से 39 फीसदी ज्यादा है। जबकि फंड का वास्तविक रिटर्न सिर्फ 3.66 फीसदी है। जरा सोचिए, डीडब्ल्यूएस फिक्स्ड मेच्योरिटी फंड 43 एक तीन वर्षीय क्लोज एंडेड डेट फंड है। इसकी समयावधि मार्च 2011 को पूरा होगी। क्लोज एंडेड फंड प्राय: निवेशकों को तरलता प्रदान करने के लिए सूचीबध्द किए जाते हैं, ताकि यदि निवेशक उस फंड से बाहर निकलना चाहे तो निकल सके। इसी वजह से ये डिस्काउंट पर रहते हैं। और इनकी एनएवी में इजाफा तब ही होता है जब इसकी मियाद पूरी होने वाली होती है।
इसके अतिरिक्त इस तरह केफंड का सामान्यत: रिटर्न 10 से 12 फीसदी सालाना होता है। इसलिए फंड के एनएवी में 100 फीसदी बढ़त की कोई वजह नहीं है। एक प्रमाणित वित्त्तीय योजनाकार का कहना है कि इस स्कीम का वास्तविक मूल्य 10.37 रुपये होना चाहिए।
वैल्यू रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी धीरेन्द्र कुमार इस तरह की बढ़त को फ्रीक ट्रेड्स की संज्ञा देते हैं। फै्रंकलिन टेम्पलटन कैपिटल प्रोटेक्शन फंड में भी ऐसा उछाल था। इस स्कीम की कीमत 273.45 रुपये पर जा पहुंची जबकि कारोबार 27.90 रुपये पर हो रहा है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल स्पाइस के एनएवी में 2004 से 2005 में ऐसा हुआ था।