सेमीकंडक्टर की वैश्विक किल्लत वाहन व उपकरण विनिर्माताओं के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है, लेकिन यह इक्विटी निवेशकोंं के लिए वरदान साबित हो रहा है। सेमीकंडक्टर शेयर इस साल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहा है। पीएचएलएक्स सेमीकंडक्टर इंडेक्स इस साल अब तक 35 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है।
चिप कंपनियोंं को लेकर सकारात्मक अवधारणा के बीच म्युचुअल फंडों ने विदेशी फंडों का खाका तैयार किया है, जो सेमीकंडक्टर कंपनियों में आसान निवेश का मौका देता है।
टाटा म्युचुअल फंड ने टाटा ग्लोबल सेमीकंडक्टर फंड ऑफ फंड पेश करने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास पेशकश दस्तावेज जमा कराया है। निप्पॉन इंडिया ने ताइवानी ऐसेट मैनेजर कैथे साइट की साझेदारी में भारत का पहला ताइवानी इक्विटी फंड उतारा है। ताइवान सेमीकंडक्टर व इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री पर वैश्विक निवेश के मामले में अग्रणी है।
टाटा एमएफ जो योजना पेश करने पर विचार कर रही है वह आईशेयर सेमीकंडक्टर ईटीएफ, आईशेयर एमएससीआई ग्लोबल सेमीकंडक्टर यूसीआईटीएस ईटीएफ, वेनईक सेमीकंडक्टर ईटीएफ, एसडीपीआर एसऐंडपी सेमीकंडक्टर ईटीएफ, फिडेलिटी सिलेक्ट सेमीकंडक्टर्स फंड में निवेश करेगा।
सेमीकंडक्टर या चिप्स आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स का दिमाग होता है, जिसका इस्तेमाल चिकित्सा उपकरणों व स्वास्थ्य सेवा, कम्युनिकेशंस, कंप्युटिंग, क्लीन एनर्जी व भविष्य की तकनीक मसलन एआई, क्वांटम कंप्युटिंग व एडवांस्ड वायरलेस नेटवक्र्स आदि में होता है। ग्लोबल सेमीकंडक्टर की मांग लगातार बढ़ रही है और यह डिजिटलीकरण की रफ्तार से और आगे जाएगी।
कैथे साइट के सीईओ एंडी चेंग ने कहा, चिप की मांग उसकी आपूर्ति से ज्यादा है और दुनिया भर की कई वाहन व उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों का उत्पादन प्रभावित होगा। सेमीकंडक्टर की किल्लत हालांकि चुनौतीपूर्ण दिख रही है, लेकिन यह मौका भी दे रहा है।
ताइवान की अर्थव्यवस्था और बाजार मोटे तौर पर सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज पर आश्रित है, जिसका व्यापक व विशाखित इस्तेमाल होता है।
ताइवान के वर्चस्व की वजह ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (टीएमएससी) हो सकती है, जो दुनिया की सबसे बड़ी फाउंड्री है और वह अहम तकनीकी कंपनियोंं को अपने क्लाइंट के तौर पर गिनती है। टीएसएमसी की हिस्सेदारी साल 2020 में व अब दुनिया के सेमीकंडक्टर फाउंड्री मार्केट में आधी से ज्यादा है। सेमीकंडक्टर कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में ताइवान की बाजार हिस्सेदारी 52 फीसदी है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश का विचार हालांकि आकर्षक दिखता है, लेकिन निवेश विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसे फंडों की हिस्सेदारी पोर्टफोलियो में कम होनी चाहिए।
