अगले हफ्ते अदाणी एंटरप्राइजेज, रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा मोटर्स जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरधारक चालू वित्त वर्ष और आगे के लिए संबंधित पक्षों के साथ कुल 2.68 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावित लेनदेन पर निर्णय करेंगे।
कैपिटालाइन के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में बीएसई 500 कंपनियों में संबंधित पक्ष के साथ लेनेदन का कुल मूल्य बढ़कर 6 साल के उच्च स्तर 42.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। 42.1 लाख करोड़ रुपये मूल्य में बैलेंस शीट और लाभ-हानि दोनों के स्तर पर संबंधित पक्षों के लेनदेन शामिल हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज, अदाणी एंटरप्राइजेज और टाटा मोटर्स प्रमुख गैर-बैंकिंग कंपनियां हैं जिसका बीते समय में संबंधित पक्ष के लेनदेन ज्यादा रहा है। वित्त वर्ष 2025 के लिए अदाणी एंटरप्राइजेज सोमवार को प्रस्तावित सालाना आम बैठक के प्रस्ताव के तहत शेयरधारकों से संबंधित पक्ष के साथ 1.04 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के लेनदेन की मंजूरी मांग रही है।
इसी तरह टाटा मोटर्स ने संबंधित पक्ष के साथ 89,000 करोड़ रुपये मूल्य के लेनदेन का प्रस्ताव किया है जिसे पर सोमवार को होने वाली बैठक में शेयरधारकों से मंजूरी मांगी जाएगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज चालू वित्त वर्ष में संबंधित पक्ष संग 74,800 करोड़ रुपये मूल्य के लिए लेनदेन हेतु शेयरधारकों से डाक मतपत्र के जरिये गुरुवार को मंजूरी मांगेगी, जिसके नतीजे अगले हफ्ते आ सकते हैं।
इनगवर्न के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, ‘हमें संबंधित पक्ष के साथ लेनदेन में कोई असामान्य बढ़ोतरी नहीं दिखती।’
नई मंजूरी व्यवस्था के लागू होने से पहले वित्त वर्ष 2021 में बीएसई 500 कंपनियों का संबंधित पक्ष के साथ लेनदेन का कुल मूल्य 27.8 लाख करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023 में 52 फीसदी बढ़ गया। अभी तक बीएसई 500 कंपनियों में से केवल 85 कंपनियों ने ही वित्त वर्ष 2024 के लिए अपनी सालाना रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है और उनका संबंधित पक्षों के साथ लेनदेन का कुल मूल्य 8.7 लाख करोड़ रुपये रहा।
सुब्रमण्यन ने आगे कहा, ‘हमारा सुझाव है कि कंपनियां संबंधित पक्ष के साथ लेनदेन के मूल्य, इसके पीछे तर्क और इसका स्वतंत्र सत्यापन जैसा ज्यादा से ज्यादा ब्योरा उपलब्ध कराएं। संबंधित पक्ष के साथ ऐसे किसी भी लेनदेन का विस्तार से खुलासा किया जाना चाहिए, जो सामान्य कारोबार का हिस्सा नहीं हैं उनका और शेयरधारकों के समक्ष इन्हें अच्छे से प्रस्तुत किया जाना चाहिए।’
चालू वित्त वर्ष में संबंधित पक्ष के साथ जिन प्रमुख लेनदेन शेयरधारक वोट करेंगे, उनमें वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक इकाई और जियो फाइनैंशियल सर्विसेज के बीच 36,000 करोड़ रुपये के लेनदेन शामिल हैं।