बकार्डी की वृद्धि में वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा योगदान करने वाले बाजारों में भारत शामिल है। बकार्डी इंडिया के प्रबंध निदेशक (भारत और पड़ोसी देश) विनय गोलिकेरी ने मुंबई में शार्लीन डिसूजा के साथ विशेष बातचीत की। प्रमुख अंश …
बकार्डी के मामले में वैश्विक स्तर पर भारत की क्या स्थिति है?
वृद्धि के लिहाज से भारत निश्चित रूप से शीर्ष पांच में है। पिछले तीन साल से वह वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान करने वाले बाजारों में से एक रहा है और इसमें साल 2023 और 2024 में तेजी आई है। भारत में हम जो क्षमता देख रहे हैं और वर्षों से हमने जो मजबूत नींव बनाई है, उसे देखते हुए यह प्रमुख बाजार है, हमारे सबसे बड़े दांव में से एक है और बकार्डी समूह की निरंतर प्राथमिकता में है।
बकार्डी के लिए भारतीय बाजार की वृद्धि दर क्या है?
अगर आप साल 2022 की तुलना में साल 2023 को देखें तो हमारी करीब 38 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि दर थी। हम उद्योग की तुलना में करीब तीन गुना तेजी से बढ़े। उद्योग की वृद्धि दर 8 से 10 प्रतिशत थी और आईडब्ल्यूएसआर (मूल रूप से इंटरनैशनल वाइन ऐंड स्पिरिट्स रिकॉर्ड) ने उद्योग की पांच से छह प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। लेकिन हम सहज रूप से दो अंकों में वृद्धि कर रहे हैं।
क्या आपको उम्मीद है कि यह वृद्धि दर जारी रहेगी?
अपने पोर्टफोलियो के मद्देनजर हमें भारत में वृद्धि को बढ़ाने का विश्वास है। रम के मामले में बकार्डी सबसे आगे है, हम बॉम्बे सफायर के साथ जिन में भी अग्रणी हैं। साथ ही हम वोडका में भी अव्वल हैं। इससे हमें आगे चलकर अपनी वृद्धि के संबंध में काफी भरोसा मिलता है।
उद्योग में मांग का प्रदर्शन कैसा है?
हमें प्रीमियमाइजेशन नजर आ रहा है। लोग कम पी रहे हैं, लेकिन बेहतर चीज पी रहे हैं। अगर मैं उन श्रेणियों को देखूं, जो अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, तो इंडियन सिंगल माल्ट्स, जिन और आम तौर पर व्हिस्की के साथ-साथ टकीला में भी जोरदार और तेज वृद्धि दिख रही है। ये वे चार श्रेणियां हैं जो फल-फूल रही हैं। वैश्विक महामारी के बाद वृद्धि सामान्य हो गई है। लेकिन अगर मैं साल 2024 की साल 2020 की तुलना करूं तो यह अब भी ऊंचे स्तर पर है।
भारत में स्पिरिट्स की सबसे तेजी से बढ़ने वाली श्रेणी कौन सी है?
जहां टकीला अब भी छोटी श्रेणी है, वहीं 70 प्रतिशत बाजार व्हिस्की का है। हालांकि छोटे-से आधार पर टकीला सबसे तेजी से बढ़ रही है। मुझे पूरा यकीन है कि यह 30 से 35 प्रतिशत से ज्यादा दर से बढ़ रही है।
क्या आपको लगता है कि किसी राज्य में कीमतों में संशोधन की जरूरत है?
उद्योग के नजरिये से विचार करने के लिए तीन प्रमुख क्षेत्र हैं – मूल्य निर्धारण, कारोबार सुगमता और स्थिर नियामकीय नीति। वह चीज जो कारोबारों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने और राज्यों में निवेश करने में मदद करती है, वह है शराब के संबंध में एक समान नीति। हर साल यह रुख दिखता है कि कई राज्यों में नीतिगत बदलाव या बाजार में बदलाव होता है, जो कारोबारों को दीर्घकालिक निवेश के फैसले लेने में मदद नहीं करता है।
मूल्य निर्धारण की बात करें, तो अधिकांश राज्यों में शराब उद्योग में कीमतों को समायोजित करने का लचीलापन अत्यधिक सीमित है। मैं ऐसे केवल कुछ राज्यों को गिना सकता हूं जहां वास्तविक मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता है, ज्यादातर अन्य में मूल्य निर्धारण को सरकार नियंत्रित करती है। और ज्यादा लचीलापन होना चाहिए, खास तौर पर प्रीमियम उत्पादों के लिए। मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता हमें राज्य में निवेश करने की सहूलियत देती है – चाहे वह विनिर्माण हो, विज्ञापन हो, प्रचार हो, ब्रांड निर्माण या राजस्व सृजन हो।
क्या आपने भारत में आपना निवेश बढ़ाया है?
भारत वैश्विक स्तर पर बकार्डी के लिए प्राथमिकता वाला बाजार है। साल 2024 के मध्य से विज्ञापन, प्रचार और विनिर्माण में हमारा निवेश 60 प्रतिशत तक से ज्यादा बढ़ चुका है।