भारतीय हेज फंडों का प्रदर्शन उभरते बाजारों और पूरे एशिया में अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर रहा है। इन फंडों का पिछले महीने का प्रतिफल अन्य बाजारों में निवेश करने वाले फंडों के मुकाबले कम से कम पांच प्रतिशत ज्यादा रहा। बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा वैश्विक ट्रैकर यूरोकाहेज के विश्लेषण के अनुसार, उभरते बाजार के हेज फंडों ने एशियाई बाजारों पर केंद्रित फंडों को मात दी। उभरते बाजार के हेज फंडों में 1.56 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई। वहीं एशिया-केंद्रित फंडों में 1.05 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। भारत-केंद्रित फंडों में 6.61 प्रतिशत की तेजी आई।
प्रतिफल यूरोकाहेज इंडिया हेज फंड इंडेक्स, यूरेकाहेज इमर्जिंग मार्केट्स हेज फंड इंडेक्स और यूरेकाहेज एशियन हेज फंड इंडेक्स के मासिक आंकड़े पर आधारित है। इन सूचकांकों का इस्तेमाल उस बाजार पर आधारित फंडों के प्रदर्शन का पता लगाने में किया जाता है, जहां वे निवेश करते हैं। हेज फंड ऐसे निवेश माध्यम हैं जो बाजार को मात देने के लिए अक्सर नई रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं। ताजा आंकड़ा मई का है। इन सूचकांकों का स्थानीय मुद्राओं से संबंध है।
भारतीय हेज फंडों ने अप्रैल में अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया था। इनका प्रतिफल उभरते बाजार के फंडों से 0.4 प्रतिशत नीचे, एशियाई हेज फंडों से 0.18 प्रतिशत नीचे था। भारत में कोविड-19 संक्रमण के मामले अप्रैल में बढ़ गए थे। कोविड19इंडिया डॉट ऑर्ग के आंकड़े से पता चलता है कि कोविड-19 के मामले अप्रैल के शुरू के 81,000 से बढ़कर महीने के अंत तक 400,000 पर पहुंच गए थे। वहीं मई के अंत में ये मामले घटकर 127,000 के आसपास हो गए थे और तब प्रतिफल में तेजी दर्ज की गई थी।
बीएसई का सेंसेक्स मई में 6.5 प्रतिशत तक चढ़ा था। उससे पूर्ववर्ती महीने में इसमें 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी। जून में इस सूचकांक में फिर से 1.2 प्रतिशत की तेजी आई और उसने सोमवार को 53,126.73 की सर्वाधिक ऊंचाई को छुआ।
पीएमएस बजार के संस्थापक-निदेशक डेनियल जीएम के अनुसार, कई हेज फंड जोखिमपूर्ण दांव लगाने के बजाय सूचकांक प्रदर्शन पर ध्यान देना पसंद कर रहे हैं। पीएमएस बजार भारत में ऐसे फंडों पर नजर रखता है।
उन्होंने कहा, ‘वे इनके भविष्य के बारे में निश्चिंत भी नहीं हैं।’
ऐसे फंडों का संचालन करने वाली मुंबई स्थित एमके इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के मुख्य कार्याधिकारी विकास एम सचदेवा के अनुसार, अच्छा प्रदर्शन फंड प्रबंधकों के लिए हमेशा चुनौती खड़ी कर सकता है, लेकिन मौजूदा परिवेश में भी अवसर मौजूद हैं।
भारत में हेज फंड कैटेगरी-3 अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) के तौर पर परिचालन करते हैं। इनमें न्यूनतम निवेश की सीमा एक करोड़ रुपये है।
मई 2021 के लिए यूरेकाहेज रिपोर्ट के अनुसार, करीब 2.4 लाख करोड़ डॉलर के वैश्विक हेज फंड उद्योग को निवेशकों के बीच सतर्कता के रुझान का भी सामना करना पड़ा है। यह रिपोर्ट जून में जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार इन फंडों में एयूएम पर दबाव देखा गया क्योंकि निवेशकों ने इनसे पूंजी निकालने पर जोर दिया।