Steel Stocks Outlook: जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा का कहना है कि चीन रियल एस्टेट को थोड़ा सहारा देने की कोशिश कर रहा है। इससे भारत की स्टील कंपनियों को थोड़ा फायदा मिल सकता है। चीन की अपनी अर्थव्यवस्था अभी भी कमजोर चल रही है और ठीक नहीं हो पाई है। नोमुरा ने कहा है कि टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और जिंदल स्टील के शेयर खरीदना अभी भी अच्छा माना जा सकता है। उनका कहना है कि भले ही अभी कीमतें थोड़ी कम हैं, लेकिन भारत और दुनिया दोनों जगह स्टील की मांग अच्छी है और लोग लगातार स्टील खरीद रहे हैं। ब्रोकरेज ने टाटा स्टील का टारगेट 172 रुपये, जेएसडब्ल्यू स्टील का 1170 रुपये और जिंदल स्टील का 1070 रुपये बताया है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की सरकार रियल एस्टेट बाजार की गिरावट को थामने के लिए कुछ नए कदम सोच रही है। इसमें पहली बार घर खरीदने वालों को लोन पर सब्सिडी देना, होम लोन के ब्याज पर ज्यादा टैक्स छूट देना और घर खरीदने बेचने में लगने वाला खर्च कम करना जैसे कदम शामिल हो सकते हैं। इससे लोगों को थोड़ा फायदा मिल सकता है, लेकिन नोमुरा का कहना है कि चीन के प्रॉपर्टी बाजार में जो बड़ी और पुरानी परेशानियां हैं, उन्हें ये कदम पूरी तरह ठीक नहीं कर पाएंगे। चीन में घरों की कीमतें कम हो गई हैं, घरों की बिक्री भी कम हो रही है और बिल्डर बहुत ज्यादा कर्ज में दबे हुए हैं।
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अक्टूबर 2025 के आंकड़ों से पता चलता है कि चीन की अर्थव्यवस्था और ज्यादा कमजोर हो गई है। नए घरों की बिक्री कम हुई है, प्रॉपर्टी में पैसा लगाने वाले भी कम हो गए हैं और घर बनाने का काम भी धीमा पड़ गया है। स्थानीय सरकारों को जमीन की बिकवाली से जो पैसा मिलता था, वह भी कम हो गया है। निजी कंपनियां भी कम निवेश कर रही हैं। फैक्ट्रियों की हालत भी ठीक नहीं है। स्टील बनाने और सीमेंट उत्पादन का काम कम हो गया है, जो यह दिखाता है कि उद्योग जगत भी सुस्ती झेल रहा है।
नोमुरा का कहना है कि साल के दूसरे हिस्से में चीन में मांग कम होने की उम्मीद पहले से थी। अक्टूबर में फैक्ट्रियों और उद्योगों में निवेश काफी कम हो गया, जबकि साल की शुरुआत में यह बढ़ रहा था। नए घरों की बिक्री भी काफी घट गई। कुल मिलाकर चीन में बड़े प्रोजेक्ट्स और निर्माण पर होने वाला खर्च भी कम हो गया। इसके बावजूद चीन की सरकार ने अभी तक कोई बड़ा मदद पैकेज नहीं दिया है। नोमुरा के अनुसार इसके कई कारण हैं।
सरकार को डर है कि अगर ज्यादा मदद दी, तो शेयर बाजार बहुत ऊपर नीचे हो सकता है। नीति बनाने वालों को अब भरोसा नहीं है कि घरों से जुड़ी योजनाओं से लोगों का खर्च बढ़ जाएगा। सरकार का ध्यान इस समय नई पांच साल की योजना बनाने में लगा है, इसलिए आर्थिक फैसलों पर कम ध्यान है। साथ ही सरकार को यह भी चिंता है कि बहुत ज्यादा कर्ज देने पर देश की आर्थिक स्थिरता पर खतरा आ सकता है, इसलिए वे बड़े कदम उठाने से बच रहे हैं।
नोमुरा का कहना है कि चीन ने बेकार और जरूरत से ज्यादा फैक्ट्रियां बनने से रोकने के लिए जो अभियान चलाया है, उसकी वजह से चीन में स्टील बनाना पहले ही कम हो गया है। अप्रैल 2025 से चीन हर महीने जितना स्टील बना रहा है, वह पिछले पांच साल के सबसे कम स्तर पर है। अगर चीन रियल एस्टेट से जुड़े कुछ और राहत वाले कदम उठाए, तो दुनिया भर में स्टील की कीमतें गिरने का खतरा कम हो सकता है। इसके उलट भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी चल रही है। भारत में स्टील की मांग भी बढ़ रही है और स्टील का उत्पादन भी बढ़ रहा है। सड़क, पुल, गाड़ियां, इमारतें और मशीनें बनाने जैसे कामों में स्टील की बहुत जरूरत होती है, इसलिए आने वाले सालों में भी भारत में स्टील की अच्छी मांग रहने की उम्मीद है।
नोमुरा का कहना है कि भारत में अभी स्टील के दाम थोड़े कम जरूर हुए हैं, लेकिन स्टील की मांग बहुत मजबूत है। कंपनियों को होने वाला फायदा और नुकसान यानी मार्जिन में आने वाला उतार चढ़ाव भी आसानी से संभाला जा सकता है। दुनिया भर में स्टील की सप्लाई धीरे धीरे कम हो रही है, जबकि भारत में स्टील की मांग लगातार बढ़ रही है। इसी कारण नोमुरा का मानना है कि भारत का स्टील सेक्टर आगे भी अच्छा प्रदर्शन करेगा और उन्होंने इस सेक्टर को लेकर अपना अच्छा नजरिया बनाए रखा है।
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधित फैसले करने से पहले अपने एक्सपर्ट से परामर्श कर लें।)