ताइवान के निवेशक चांग चुंग-लिंग के बारे में बताया गया है कि इनका अदाणी समूह के साथ लंबे समय से कारोबारी गठजोड़ रहा है। आरोप है कि उन्होंने ऑफशोर फंडों के जरिये अदाणी समूह के शेयरों की खरीद-बिक्री से खासी कमाई की है। यह जानकारी ऑर्गनाइज्ड क्राइम ऐंड करप्शन रिपोर्टिग प्रोजेक्ट की रिपोर्ट से मिली।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, वह समूह की फर्मों मसलन अदाणी ग्लोबल और विगत में संबंधित पक्षकार गुडामी इंटरनैशनल में एक बार निदेशक बने या इस पद पर बने हुए हैं। इसके अलावा चांग चुंग को ग्रोमोर के एकमात्र निदेशक के तौर पर पहचाना गया है, जो कथित तौर पर मॉरीशस आधारित मुखौटा कंपनी है, जिसका इस्तेमाल रकम की हेराफेरी में किया जाता है। हिंडनबर्ग के आरोप के मु ताबिक, ग्रोमोर ने अदाणी पावर संग स्टॉक मर्जर के जरिये रातोंरात 42.3 करोड़ डॉलर कमाए।
चांग का नाम 2014 की डीआरआई रिपोर्ट में भी आया है। डीआरआई रिपोर्ट में समूह से नकदी की हेराफेरी का आरोप लगाया है। चांग के बेटे चांग चिन-टिंग को भी पीएमसी प्रोजेक्ट्स के एकमात्र लाभार्थी मालिक के तौर पर पहचाना गया है, एक अन्य फर्म जो अदाणी समूह के साथ लेनदेन के लिए जांच के घेरे में है और इस पर संबंधित पक्षकार के लेनदेन का संदेह है। चांग चिन-टिंग को चीन की कई मीडिया रिपोर्ट में अदाणी के प्रतिनिधि के तौर पर संदर्भित किया गया है।
बाजार नियामक सेबी ने सर्वोच्च न्यायालय में जमा कराई स्टेटस रिपोर्ट में बताया है कि उसने पीएमसी प्रोजेक्ट्स, ग्रोमोर और अदाणी ग्लोबल समेत 13 संबंधित पक्षकार लेनदेन की जांच की है। हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि इस जांच में क्या मिला। दिलचस्प रूप से हिंडनबर्ग की तरफ से अदालतों व खुलासा दस्तावेजों के विश्लेषण में बताया गया है कि चांग ने विनोद अदाणी के साथ सिंगापुर का पता साझा किया है, जो गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं और अब समूह के प्रवर्तक का हिस्सा हैं।