बाजार में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट के दिन ब्रोकरों के पास निवेशकों की तरफ से पूछताछ की झड़ी लग गई। ये निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि कहां खरीदारी के मौके हैं, खास तौर से लार्जकैप शेयरों में। इसके अलावा बैंकिंग, आईटी, फार्मा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र के शेयरों में खरीदारी की दिलचस्पी दोबारा देखने को मिली।
सोमवार को बैंंकिंग, मीडिया, रियल्टी, मेटल व वाहन क्षेत्र के शेयरोंं में सबसे ज्यादा गिरावट आई और बैंक निफ्टी 5.1 फीसदी तक टूट गया।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज के मुख्य कार्याधिकारी बी गोपकुमार ने कहा, हमें क्लाइंटों से काफी कॉल मिले कि क्या खरीदा जाना चाहिए। उन्होंने पिछले साल भी देखा था कि बाजार में गिरावट के बाद शेयरों ने कुछ ही हफ्तों से भीतर 30 से 40 फीसदी का रिटर्न दिया। निवेशक इस बार भी उसी तरह के लाभ की उम्मीद कर रहे हैं।
पिछले साल रक्षात्मक क्षेत्रों में अन्य के मुकाबले तेज गति से सुधार हुआ, लेकिन साइक्लिकल व दरों के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों ने बाजार के मुकाबले उम्दा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और खास तौर से आम बजट के बाद तेजी पकड़ ली।
रेलिगेयर सिक्योरिटीज के सीईओ लाल चतुर्वेदी ने कहा, निवेशकों को अपना निवेश बनाए रखना चाहिए और वे खरीदारी के मौके देख सकते हैं लेकिन यह उचित तरीके से होना चाहिए।
विशेषज्ञों का हालांकि मानना है कि यह अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी कि बाजार आगामी दिनों में किस ओर जाएगा और काफी कुछ लॉकडाउन की स्थिति और टीकाकरण कार्यक्रम की प्रगति पर निर्भर करेगा।
विशेषज्ञों ने कहा कि कुछ समय से गिरावट पर खरीदारी जैसा माहौल दिख रहा है जबकि बाजार कम ऊंचाई को छू रहा है। एमके ग्लोबल फाइनैंंशियल सर्विसेज के कारोबारी प्रमुख (खुदरा) राहुल रेगे ने कहा, यह समय सतर्कता बरतने का है। कुछ निवेशक जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वासी हो गए हैं और मौजूदा समय में गिरावट के जोखिम को अनदेखा कर रहे हैं। यह समय ट्रेडिंग पोजीशन बनाने का नहीं है।
बेंचमार्क सूचकांक 10 हफ्ते के निचले स्तर पर आ गए क्योंकि रोजाना के कोविड संक्रमण के मामले बढ़े हैं। निवेशक इस वजह से अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले असर को लेकर चिंतित बने हुए हैं। साथ ही राज्य सरकारों की तरफ से लगाई गई पाबंदी का भी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। बाजार में चढऩे व गिरने वाले शेयरों का अनुपात 28 फरवरी के बाद के निचले स्तर पर आ गया, जो व्यापक बाजारोंं में घबराहट के बारे में बता रहा है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, इस तरह के घटनाक्रम बाजार की जीडीपी में 11 फीसदी की बढ़त और निफ्टी की आय में 30 फीसदी की बढ़त की मान्यता को झटका दे सकता है।
प्रभात डेयरी का शेयर एक्सचेंज का हटेगा
प्रभात डेयरी 30 अप्रैल से बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) से हट जाएगी। इन बाजारों में कंपनी के शेयरों में कारोबार 23 अप्रैल से बंद हो जाएगा। शेयर बाजारों ने यह जानकारी दी है। कंपनी ने स्वैच्छिक रूप से अपने शेयरों को शेयर बाजारों की सूचीबद्धता से हटाने की औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। बीएसई ने कहा कि इसके अलावा प्रवर्तक कंपनी का अधिग्रहण करने वाले सारंगधर रामचंद्र निर्मल, विवेक सारंगधर निर्मल, मध्यम फार्मिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लि. और निर्मल फैमिली ट्रस्ट द्वारा शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज से हटाने की तारीख से कम से कम एक साल तक सार्वजनिक शेयरधारकों को 101 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर बाहर निकलने का अवसर दिया जाएगा। शेयर बाजारों ने शुक्रवार को जारी अलग-अलग परिपत्र में कहा कि कंपनी ने इक्विटी शेयरों को हटाने की औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। इसी के अनुरूप प्रभात डेयरी के शेयरों में 23 अप्रैल से कारोबार बंद हो जाएगा। बाजारों के रिकॉर्ड से कंपनी के शेयर 30 अप्रैल को हटाए जाएंगे। भाषा
निवेशकों के 8.77 लाख करोड़ रुपये डूबे
देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढऩे से सोमवार को शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट दर्ज हुई। शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट से निवेशकों को 8.77 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का नुकसान हो गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सोमवार को 1,707.94 अंक या 3.44 फीसदी के नुकसान से 47,883.38 अंक पर आ गया। दिन में कारोबार के दौरान एक समय यह 1,897.88 अंक की गिरावट के साथ 47,693.44 अंक पर आ गया था। सेंसेक्स में भारी गिरावट से बीएसई सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 8,77,435.5 करोड़ रुपये घटकर 2,00,85,806.37 करोड़ रुपये रह गया। सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक का शेयर सबसे अधिक 8.60 फीसदी के नुकसान में रहा। बजाज फाइनैंस, एसबीआई, ओएनजीसी, टाइटन, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा तथा ऐक्सिस बैंक के शेयर भी नुकसान में रहे। भाषा