देसी बाजारों में मंगलवार को गिरावट दर्ज हुई क्योंंकि उच्च महंगाई और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के अलावा बॉन्ड प्रतिफल और कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हुआ।
बेंचमार्क सेंसेक्स कारोबारी सत्र की ज्यादातर अवधि में बढ़त व नुकसान के बीच झूलता रहा। हालांकि बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट की चिंता से यूरोपीय बाजारों में बिकवाली के बीच कारोबार के अंतिम घंटे में सूचकांकों ने हथियार डाल दिए।
अमेरिका मेंं दो साल का ट्रेजरी प्रतिफल साल 2020 के बाद पहली बार एक फीसदी से ऊपर पहुंचा। वैश्विक प्रतिफल में इस पृष्ठभूमि में बढ़ोतरी हो रही है कि फेडरल रिजर्व की तरफ से साल में चार बार ब्याज दरें बढ़ाने पर आमसहमति है और उच्च महंगाई को लेकर चिंता बनी हुई है।
बाजार के भागीदार की नजर उम्मीद से पहले अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैलेंस शीट में कटौती पर है। नकदी की वापसी को जोखिम वाली परिसंपत्तियों के लिए नकारात्मक माना जा रहा है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल में तेजी ने भी बाजार के लिए अवरोध का काम किया।
बेंचमार्क सेंसेक्स 554 अंक टूटकर 60,755 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 195 अंकोंं की गिरावट के साथ 18,113 पर टिका। अल्फानीति फिनटेक के संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा, बॉन्ड प्रतिफल मनोवैज्ञानिक तौर पर अहम पड़ाव पर है ओमीक्रोन नियंत्रण में नहींं है और महंगाई बढ़ रही है। साथ ही अगर लॉकडाउन होता है तो विभिन्न केंद्रीय बैंकों के पास दरें बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। इसके अतिरिक्त महंगाई को देखते हुए केंद्रीय बैंकों की तरफ से तीन से चार बार ब्याज बढ़ोतरी की संभावना से भी अवधारणा पर भारी असर पड़ा है।
उन्होंने कहा, बेहतर तिमाही नतीजे पहले ही आ चुके हैं और इस मोर्चे पर और खुशी की कोई बात नही है। एक दिन पहले विदेशी व देसी संस्थान बिकवाल थे, ऐसे मेंं कुछ निवेशक इसे लेकर चिंतित हैं ंकि जब विदेशी निवेशक रकम निकालेंगे तो अहम सहारा कौन देगा।
इंटरनैशनल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड साल 2014 के बाद के सर्वोच्च्च स्तर को छू गया और पारस की खाड़ी में बढ़ते तनाव के बीच यह थोड़े समय तक 88 डॉलर से ऊपर रहा क्योंंकि इस चिंता से आपूर्ति संबंधी चिंता पैदा हुई, जिससे कीमतों में इजाफा हुआ।
हुती उपद्रवियोंं की तरफ से ड्रोन हमले के कारण यूएई में फ्यूल टैंक में विस्फोट हुआ और तीन लोग मारे गए। कुछ विशेषज्ञोंं के मुताबिक, इस हमले से इरान व सऊदी अरब के बीच और तनाव बढ़ेगा, जो पश्चिम एशिया के दो शक्ति केंद्र हैं।
रेलिगेयर रिसर्च के अजित मिश्रा ने कहा, गिरावट के चरण में उतारचढ़ाव सामान्य तौर पर ज्यादा होता है और आय के सीजन ने अस्थिरता में इजाफा किया और इस परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए कुछ शॉर्ट पोजीशन बनाना ठीक होगा। संकेत के लिए आय पर नजर होनी चाहिए और वैश्विक बाजारों पर भी।
बाजार में गिरने व चढऩे वाले शेयरोंं का अनुपात कमजोर रहा और 2,305 शेयर टूटे जबकि 1,902 में बढ़ोतरी हुई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, चढऩे व गिरने वाले शेयरों का अनुपात तेजी से घटा है,जो व्यापक आधार पर मुनाफावसूली बताता है। निफ्टी ने मंदी का पैटर्न सृजित किया है। जब तक निफ्टी 18 जनवरी के उच्च स्तर 18,351 के पार नहींं निकलता, हम बिकवाली में बढ़ोतरी देख सकते हैं। 18,056-18,081 का स्तर टूटने पर हम निफ्टी में और गिरावट देख सकते हैं।
सेंसेक्स के दो तिहाई से ज्यादा शेयर टूटे। मारुति सुजूकी में सबसे ज्यादा 4.2 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। अल्ट्राटेक सीमेंट 3.8 फीसदी फिसला, टेक महिंद्रा 3.5 फीसदी टूटा जबकि एचसीएल टेक में 3.09 फीसदी की गिरावट आई।