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बॉन्ड बाजार को जी-सैप पर घोषणा का इंतजार

Last Updated- December 12, 2022 | 4:02 AM IST

बॉन्ड बाजार इस बारे में आरबीआई की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहा है कि अपने सरकारी प्रतिभूति खरीद कार्यक्रम (जी-सैप) के तहत केंद्रीय बैंक ने दूसरी तिमाही में खरीदारी की क्या योजना बनाई है, और क्या जी-सैप के दूसरे चरण से कोई शर्त जुड़ी होगी।
केंद्रीय बैंक ने पहली तिमाही में जी-सैप के तहत 1 लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदने की योजना बनाई है, जिसमें वह 60,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड की खरीदारी पहले ही कर चुका है।
शुक्रवार की मौद्रिक नीति इस तिमाही के लिए आखिरी बैठक होगी और इसलिए नीतिगत समीक्षा में दूसरी तिमाही के आंकड़े स्पष्ट किए जा सकते हैं। 
बॉन्ड डीलरों का कहना है कि भले ही, जी-सैप की घोषण पहली तिमाही के अंत में की जा सकती हो, लेकिन बॉन्ड प्रतिफल में तेजी के संकेत दिखने और केंद्रीय बैंक द्वारा प्रतिफल नियंत्रित करने के कदम उठाने से नीतिगत मंच बॉन्ड बाजार की चिंताएं दूर करने का अच्छा अवसर होगा। 
बाजार में यह धारणा है कि दूसरी तिमाही के लिए जी-सैप कम से कम 1 लाख करोड़ का होगा, लेकिन इसे बढ़ाकर 1.3 लाख करोड़ रुपये भी किया जा सकता है। घरेलू बाजार के प्रमुख आनंद बागड़ी के अनुसार, जी-सैप सभी तिमाहियों में समान रूप से प्रति एक लाख करोड़ रुपये तक वितरित हो सकता है।
स्टार यूनियन दाई-इची लाइफ इंश्योरेंस के उपाध्यक्ष (निवेश) राम कमल सामंता का मानना है कि जी-सैप राशि आगामी तिमाहियों में बढ़ सकती है। उन्हें उम्मीद है कि अगली तिमाही के लिए जी-सैप बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो सकता है।
एयू एसएफबी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष देबेंद्र दास ने कहा, ‘जी-सैप 1 लाख करोड़ रुपये और 1.5 लाख करोड़ रुपये के बीच रहने की संभावना है।’
दास ने कहा, ‘यदि जी-सैप के बारे में घोषणा नहीं की जाती है तो 10-वर्षीय प्रतिफल 25 आधार अंक तक बढ़ जाएगा।’
हालांकि एक बड़े घरेलू बैंक से जुड़े वरिष्ठ बॉन्ड डीलर ने कहा कि यदि आरबीआई शुक्रवार को 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के जी-सैप की घोषणा नहीं करती है तो प्रतिफल बढ़ जाएगा।
हालांकि सभी इसे लेकर सहमत नहीं हैं। एचडीएफसी लाइफ में निर्धारित आय के प्रमुख बद्रीश कुल्हाली ने कहा, ‘वास्तव में, जी-सैप 1.0 के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की राशि आरबीआई के लिए एक बड़ी छलांग थी। अप्रैल की नीति तक राशि को लेकर किसी तरह की प्रतिबद्घता से परहेज किया गया था। इसलिए अब उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई ऊंचे आंकड़ों की प्रतिबद्घता के साथ ज्यादा सक्रियता दिखाएगा।’
जी-सैप को लेकर उम्मीदों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 10-वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल 6 प्रतिशत के पार पहुंचना शुरू हो गया है, जिसे आरबीआई नियंत्रित करना चाहेगा।
बाजार में मजबूत संकेत भेजने के लिए आरबीआई ने बॉन्ड नीलामियों पर ध्यान केंद्रित किया था। प्राथमिक डीलरों को 10,735.67 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदने थे, जिसमें से 11,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड वर्ष 2026 की परिपक्वता से जुड़े हुए थे।

First Published - June 3, 2021 | 11:39 PM IST

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