टीकाकरण में तेजी को देखते हुए अगले कुछ महीनों में आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे पटरी पर लाने की योजना के बीच भारत में कोविड के रोजाना के मामलोंं में कमी से निवेशकों की रुचि होटल, पर्यटन आदि से जुड़े शेयरों में दोबारा देखने को मिली है।
पिछले कुछ हफ्तों से एक्सचेंजों पर अनलॉक ट्रेड का बेहतर असर दिख रहा है और संबंधित क्षेत्रों के शेयर उफान पर हैं। पिछले एक महीने में ईजीट्रिप प्लानर्स, कामत होटल्स, इमैजिकावल्र्ड एंटरटेनमेंट, स्पाइसजेट, ताज जीवीके होटल्स ऐंड रिसॉर्ट्स, थॉमस कुक इंडिया, ईआईएच लिमिटेड, स्पेशियलिटी रेस्टोरेंट्स, इंडियन होटल्स, लेमन ट्री होटल्स, बर्गर किंग इंडिया और वंडरला हॉलिडे में 13 फीसदी से लेकर 56 फीसदी तक की तेजी आई है और इस तरह से इसने बीएसई पर मुख्य सूचकांकों एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स व मिड-स्मॉलकैप सूचकांकों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है।
ऐंजल ब्रोकिंग के सहायक उपाध्यक्ष (मिडकैप रिसर्च) अमरजीत मौर्या ने कहा, अल्पावधि के लिहाज से ऐसा शेयर जोखिम भरा दांव है क्योंकि हमें नहीं पता कि दूसरी लहर कब खत्म होगी और क्या आगे ऐसी और लहर देखने को मिल सकती है या नहीं। अर्थव्यवस्था के अनलॉकिंग की उम्मीद इन शेयरोंं को अल्पावधि की राहत ही मुहैया करा सकता है। अगर हमारा नजरिया तीन से चार साल का है तो ये शेयर आकर्षक हैं और अभी इनका मूल्यांकन भी आकर्षक है।
इस बीच, सोमवार को भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों में 84,683 की गिरावट दर्ज हुई और इससे कुल मामले 27,20,716 रहे। आधिकारिक आंकड़ों में कहा गया है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य टीकाकरण के लिहाज से अहम रहे।
इसके परिणामस्वरूप कुछ राज्य लॉकडाउन हटाने को लेकर आगे बढऩे वाले पहले राज्यों में शामिल हो गए हैं और रिपोर्ट बताती है कि वे धीरे-धीरे ढील दिए जाने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। उदाहरण के लिए गुजरात ने दुकानों, शॉपिंग मॉल और कारोबारी ठिकानों को दिन में कुछ समय तक खोलने की अनुमति दी है, वहीं रात का लॉकडाउन जारी है। हरियाणा ने भी दिन में एकल दुकानें खोलने की इजाजत दी है, वहीं अन्य दुकानों को हर दूसरे दिन खोलने की इजाजज मिली है। पर रात का कफ्र्यू जारी है और मॉल अभी भी बंद हैं।
हर राज्य की स्थिति एक जैसी नहीं है। पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और उत्तर पूर्व के कई राज्य अपने-अपने इलाकों में महामारी से अब भी जूझ रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति भी अलग-अलग है। कई राज्य साप्ताहिक आधार पर लॉकडाउन का विस्तार कर रहे हैं और ज्यादातर लॉकडाउन 31 मई-1 जून को समाप्त हो रहे हैं।
नोमूरा की प्रबंध निदेशक व मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने ए. नंदी के साथ लिखे एक नोट में कहा है, विभिन्न राज्यों मेंं जिस तरह से लॉकडाउन का रूप अलग-अलग और बेतरतीब था, इससे बाहर निकलने की राह भी उसी तरह अलग-अलग होगी। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम व आंध्र प्रदेश जैसे राज्य बढ़ते मामलों से दो-चार हो रहे हैं और वे लॉकडाउन में सतर्कता से ढील देंगे जबकि लॉकडाउन की लंबी अवधि और महामारी की रफ्तार में कमी दर्ज करने वाले राज्य सामान्य स्थिति की ओर सबसे पहले बढ़ सकते हैं।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, कंपनियां स्मार्ट हो गई हैं और महामारी व लॉकडाउन में अपना अस्तित्व बचाना सीख गई हैं। उन्होंने कहा, मध्यम से लंबी अवधि में ये शेयर अच्छा दांव हो सकते हैं क्योंंकि टीकाकरण की रफ्तार पकडऩे के साथ हर्ड इम्युनिटी आ गई है। अल्पावधि मेंं हालांकि अनिश्चितता रह सकती है, कम से कम आवाजाही पर लगी पाबंदी हटाने को लेकर स्पष्टता सामने आने तक। हम इन शेयरों पर सतर्कता के साथ आशावादी बने हुए हैं।