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पीएसयू आईपीओ के लिए बड़े निवेशकों पर दांव

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 9:42 AM IST

करीब एक दशक के बाद सरकार ने आखिरकार आरंभिक सार्वजनिक पेशकशों (आईपीओ) के लिए एंकर अलॉटमेंट यानी बड़े निवेशकों के लिए आवंटन प्रावधान का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन (आईआरएफसी) का 4,600 करोड़ रुपये का आईपीओ सोमवार को खुल रहा है और यह कथित एंकर निवेशकों के लिए शेयर आवंटन के लिहाज से किसी पीएसयू द्वारा पहली पेशकश है।
उद्योग के सूत्रों का कहना है कि सरकार कई आगामी आईपीओ के लिए इस प्रावधान का इस्तेमाल अभिदान बढ़ाने के माध्यम के तौर पर करेगी।
एक निवेश बैंकर ने कहा, ‘आईआरएफसी जैसे बड़े आईपीओ के लिए, एंकर निवेशकों को जोडऩे के कई फायदे हैं। आपको निर्गम का करीब एक-तिहाई अभिदान आईपीओ खुलने से पहले ही मिल सकता है। इसके अलावा, यदि बड़े निवेशक एंकर कोटा के तहत निवेश करते हैं तो इससे अन्य निवेशकों को भी आवेदन करने की प्रेरणा मिल सकती है।’
उद्योग के कारोबारियों ने कहा कि एंकर निवेश से संबंधित प्रावधान रेलटेल कॉरपोरेशन और एलआईसी जैसे आगामी आईपीओ के लिए मददगार होगा।
निजी क्षेत्र के लगभग सभी आईपीओ एंकर निवेशकों, खासकर म्युचुअल फंडों, बीमा कंपनियों और वैश्विक फंडों को शेयर आवंटित करते हैं। यह शेयर आवंटन निर्गम खुलने के एक कारोबारी दिन पहले किया जाता है। ऐसे निवेशकों को शेयरों का आवंटन आईपीओ का प्रबंधन कर रहे निवेश बैंकरों की इच्छा के आधार पर किया जाता है। हालांकि एंकर निवेशकों को आवंटन के दिन से कम से कम 30 दिन तक शेयर बेचने से रोका जाता है।
वर्ष 2009 में पेश की गई एंकर निवेशकों की अवधारणा अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित बाजारों में कॉर्नरस्टोन निवेशकों के समान है। इसके तहत, निर्गम जारी करने वाली कंपनी आईपीओ खुलने से पहले संस्थागत निवेशकों के लिए पात्र संस्थागत खरीदार (क्यूआईबी) कोटे से शेयर आवंटित कर सकती है।
सेबी के नियमों में क्यूआईबी कोटे में 60 प्रतिशत तक शेयर एंकर निवेशकों को आवंटित करने की अनुमति दी गई है। अक्सर कुल आईपीओ का 50 प्रतिशत हिस्सा क्यूआईबी कोटा निर्धारित करता है। इसलिए, कुल निर्गम आकार का करीब 30 प्रतिशत एंकर निवेशकों से जुटाया जा सकेगा। कुछ आईपीओ में 75 प्रतिशत क्यूआईबी कोटा अनिवार्य है। ऐसे आईपीओ में, एंकर निवेशक बड़ा योगदान दे सकते हैं।
एंकर आवंटन के जरिये कोई कंपनी बड़े निवेशकों को आकर्षित कर शेयरों की मांग बढ़ा सकती हे। अन्य निवेशक, खासकर अमीर निवेशक अक्सर क्यूआईबी मांग से रुझान जानने की कोशिश करते हैं।
 

 
सरकार भारत बॉन्ड ईटीएफ से जुटा सकती है 10,000 करोड़ रुपये
केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत बॉन्ड ईटीएफ की तीसरी खेप जारी करने की योजना बना रही है, और इसके जरिए खुदरा निवेशकों से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि इस धनराशि का इस्तेमाल सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की वृद्धि योजनाओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
भारत बॉन्ड ईटीएफ शेयर बाजार में सूचीबद्ध एक फंड है, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की ऋण योजनाओं में निवेश किया जाता है। ईटीएफ इस समय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के सिर्फ एएए रेटिंग वाले बांड में निवेश करता है।
सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान बाजार में करीब 10,000-15,000 करोड़ रुपये की तीसरी खेप आने की उम्मीद है। भाषा

First Published : January 15, 2021 | 11:16 PM IST