बजाज ऑटो के लिए लगातार आगे की राहें मुश्किल और दुष्कर होती जा रहीं हैं। बैंकों से कर्ज लेना लगातार महंगा होता जा रहा है।
साथ ही अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती जा रही है। इनके चलते मोटरसाइकिल खरीदार बेहद कम होते जा रहे हैं। इन विपरीत हालातों में भी उसके प्रतिद्वंद्वी दोपहिया वाहन निर्माता हीरो होंडा की टॉपलाइन ग्रोथ सितंबर की तिमाही में 36 फीसदी रही, लेकिन बजाज की बिक्री दर में मेहज आठ फीसदी का इजाफा हुआ और यह 2,548 करोड़ रुपये हो गई।
इसमें भी निर्यात का खासा अहम योगदान है जहां इस तिमाही में 33 फीसदी का इजाफा हुआ। घरेलू बाजार की हकीकत यह है कि कंपनी यहां कंपनी का वॉल्यूम तीन फीसदी कम हुआ है।
वास्तव में पिछले छह माह से ही बजाज कंपनी घरेलू बाजार में कमजोर प्रदर्शन कर रही है। हालांकि इस क्षेत्र का भी ऐसा ही ट्रेंड नहीं है तो इसका श्रेय हीरो होंडा को जाता है।
दोपहिया वाहन क्षेत्र में 50 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाली इस कंपनी का वॉल्यूम 12.6 फीसदी बढ़ा है। पिछले दिनों दोनों ही वाहन निर्माताओं ने बढ़ी लागत का सामना करने के लिए अपनी कीमतों में इजाफा किया था। बजाज ने अगस्त में अपनी कीमतों में इजाफा किया था। हालांकि इससे उसे अपना ऑपरेटिंग मार्जिन बढ़ाने में कोई मदद नहीं मिली जो 2.7 फीसदी गिरकर 13.5 फीसदी रह गया है।
इससे इसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट 10 फीसदी कम होकर 344 करोड़ रुपये ही रह गया। यह सच है कि पिछला समय कंपनी के लिए अच्छा नहीं रहा। उसे इस दौरान कच्चे माल की लागत का दबाव सहन करना पड़ा। सितंबर की तिमाही में बजाज के लिए कच्चे माल की लागत 15 फीसदी बढ़कर 1,907 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी की कुल बिक्री में इनका हिस्सा 4.43 फीसदी बढ़कर 74.8 फीसदी हो गया।
बजाज ने स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिए 61 करोड़ रुपये अलग से निकालकर रखे हैं। इसके चलते कंपनी का शुध्द मुनाफा 22.5 फीसदी गिरकर 185 करोड़ रुपये हो गया। इसे एक बार किए जाने वाले व्यय में समायोजित करने के बाद कंपनी का कर चुकाने के बाद मुनाफा साल दर साल के आधार पर छह फीसदी बढ़ा।
हालांकि फर्म से कर की मद में कम आउटफ्लो देखने को मिला और कर लेवल से पहले कंपनी का मुनाफा 9 फीसदी के करीब गिरकर 327 करोड़ रुपये हो गया।मैनेजमेंट का कहना है कि जारी वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कंपनी कुछ नए मॉडल बाजार में उतरने जा रहा है।
इसमें दो डीटीएसआई प्लेटफार्म की मोटर साइकिलें शामिल हैं। इससे कंपनी को अपना वॉल्यूम बढ़ाने में मदद मिलेगी। इन मॉडलों के मार्च 2009 तक बाजार में आने की संभावना है। त्यौहारों के पहले कंपनी अपनी प्लेटिना 125 सीसी मोटरसाइकिल बाजार में उतार चुकी है।
बजाज अब से कुछ समय बाद अपने प्रॉडक्ट मिक्स में बड़े और अहम बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत वह बड़े मार्जिन वाली बाइक बाजार में उतारेगी। तिपहिया क्षेत्र में कंपनी का वॉल्यूम लगातार निराशाजनक है।
इस ट्रेंड में कोई बदलाव आने की उम्मीद नहीं है। पिछले छह माह में इन तिपहिया वाहनों की बिक्री घरेलू बाजार में 5 फीसदी के करीब गिर चुकी हैं और निर्यात बाजार में यह गिरावट दो फीसदी की रही।