facebookmetapixel
महंगाई के नरम पड़ने से FY26 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ में कमी संभव: CEA अनंत नागेश्वरनOYO की पैरेंट कंपनी का नया नाम ‘प्रिज्म’, ग्लोबल विस्तार की तैयारीMarket Outlook: महंगाई डेटा और ग्लोबल ट्रेंड्स तय करेंगे इस हफ्ते शेयर बाजार की चालFPI ने सितंबर के पहले हफ्ते में निकाले ₹12,257 करोड़, डॉलर और टैरिफ का असरMCap: रिलायंस और बाजाज फाइनेंस के शेयर चमके, 7 बड़ी कंपनियों की मार्केट वैल्यू में ₹1 लाख करोड़ का इजाफालाल सागर केबल कटने से दुनिया भर में इंटरनेट स्पीड हुई स्लो, माइक्रोसॉफ्ट समेत कई कंपनियों पर असरIPO Alert: PhysicsWallah जल्द लाएगा ₹3,820 करोड़ का आईपीओ, SEBI के पास दाखिल हुआ DRHPShare Market: जीएसटी राहत और चीन से गर्मजोशी ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदेंWeather Update: बिहार-यूपी में बाढ़ का कहर जारी, दिल्ली को मिली थोड़ी राहत; जानें कैसा रहेगा आज मौसमपांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्स

औसत दैनिक कारोबार में इजाफा

कैश एडीटीवी में मासिक आधार पर 12 प्रतिशत, डेरिवेटिव्स में 23 प्रतिशत तक की तेजी

Last Updated- March 30, 2025 | 10:28 PM IST
Bonus shares

मार्च 2025 में शेयर बाजार में आए तेज सुधार की वजह से भारतीय एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग गतिविधि बढ़ गई। कैश सेगमेंट में औसत दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम (एडीटीवी) मासिक आधार पर 12 फीसदी बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि डेरिवेटिव्स सेगमेंट 23 फीसदी चढ़कर 352 लाख करोड़ रुपये हो गया।

यह वृद्धि एक कठिन दौर के बाद हुई है, क्योंकि जुलाई 2024 से फरवरी 2025 तक आठ में से सात महीनों में नकदी बाजार का कारोबार मासिक आधार पर गिरकर 15 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया, जबकि नियामकीय सख्ती और बाजार की गिरावट की वजह से डेरिवेटिव्स एडीटीवी पिछले पांच महीनों के दौरान कमजोर रहा।

यह तेजी बाजार में मजबूत बढ़त के अनुरूप है। मार्च (जून 2024 के बाद से इसका सबसे अच्छा महीना) में निफ्टी 6.3 प्रतिशत चढ़ा, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 9.5 प्रतिशत और 7.84 प्रतिशत बढ़े, जो जून 2024 और नवंबर 2023 के बाद से उनकी सबसे मजबूत बढ़त है।

रिकवरी के बावजूद, मार्च में कारोबार की मात्रा अपने ऊंचे स्तर के मुकाबले दो-तिहाई के साथ धीमी बनी रही। कैश सेगमेंट का एडीटीवी जून 2024 में 1.65 लाख करोड़ रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गया, जबकि वायदा एवं विकल्प खंड सितंबर 2024 में 537 लाख करोड़ रुपये के ऊंचे स्तर पर था, जब बाजारों ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था।

विश्लेषकों का कहना है कि अगर बाजार में तेजी बनी रही तो ट्रेडिंग वॉल्यूम में सुधार हो सकता है, लेकिन सख्त डेरिवेटिव नियमों के कारण उन्हें इसके जल्द ऊंचे स्तर पर लौटने पर संदेह है। इसके परिणमस्वरूप, ज्यादातर लोगों का मानना है कि 2025-26 में ट्रेडिंग रेवेन्यू में गिरावट आएगी।

First Published - March 30, 2025 | 10:28 PM IST

संबंधित पोस्ट