facebookmetapixel
सस्ते आयात, डंपिंग से देश के स्टील सेक्टर को नुकसान; नीतिगत समर्थन की जरूरत: RBIसोशल मीडिया पर AI कंटेंट पर सख्ती, लेबलिंग और वेरिफिकेशन अनिवार्य; MeitY ने जारी किया मसौदा नियमभारत बनेगा AI कंपनियों का नया ठिकाना, OpenAI और Anthropic करेंगी भर्ती और ऑफिस की शुरुआतIndia-US Trade Deal: 50% से 15% होगा टैरिफ! ट्रंप देंगे बड़ा तोहफा, जल्द फाइनल हो सकती है डीलMajhi Ladki Bahin Yojana: महिलाओं की स्कीम में 12 हजार पुरुषों को मिला फायदा! चौंकाने वाला खुलासाTata Motors CV की लिस्टिंग डेट पर बड़ा अपडेट! दिसंबर से बाजार में शुरू हो सकती है ट्रेडिंगTata Trusts: कार्यकाल खत्म होने से पहले वेणु श्रीनिवासन बने आजीवन ट्रस्टी, अब मेहली मिस्त्री पर टिकी निगाहेंMidwest IPO: 24 अक्टूबर को होगी लिस्टिंग, ग्रे मार्केट से मिल रहे पॉजिटिव संकेत; GMP ₹100 पर पंहुचाUpcoming IPOs: आईपीओ मार्केट में फिर गर्माहट, सेबी ने ₹3500 करोड़ के सात नए आईपीओ को दी मंजूरीसत्य नडेला की कमाई बढ़कर हुई ₹800 करोड़, 90% हिस्सा सिर्फ शेयरों से

फंडों की AUM 2028 तक 80 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान

Last Updated- December 18, 2022 | 11:15 PM IST
NS Venkatesh, CEO, Association of Mutual Funds

भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के मुख्य कार्याधिकारी एनएस वेंकटेश ने अभिषेक कुमार के साथ साक्षात्कार में कहा कि म्युचुअल फंड (MF) उद्योग इस दशक के अंत तक 100 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां हासिल करने की राह पर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग के विकास के लिए मजबूत नियमन जरूरी है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:

वर्ष 2021 के मजबूत प्रदर्शन के बाद इस साल एमएफ की वृद्धि कमजोर रही है। इस साल इसमें बदलाव क्यों आया है?

कैलेंडर वर्ष 2022 एसआईपी में पूंजी प्रवाह के लिहाज से अच्छा वर्ष साबित हुआ है। हालांकि 2021 के मुकाबले बदलते बाजार परिवेश की वजह से इसकी रफ्तार वास्तव में कुछ धीमी पड़ी है। इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव से कारोबारियों में बेचैनी कुछ हद तक बढ़ सकती है।

आपके क्षरा 100 लाख करोड़ रुपये के एयूएम लक्ष्य निर्धारित किए तीन साल हो गए हैं। अब तक इस दिशा में क्या प्रगति हुई है?

हम 40 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंच गए हैं। चूंकि हम छोटे निवेशकों पर ध्यान दे रहे हैं, इसलिए इस दिशा में काफी किए जाने की जरूरत है। मौजूदा समय में, करीब 200,000 एमएफ वितरक हैं। यह संख्या बढ़कर 700,000-800,000 तक पहुंचाए जाने की जरूरत है। हम वितरक संख्या बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। मुझे उम्मीद है कि 2027-2028 तक एयूएम बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। इस दशक के अंत तक 100 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल हो सकता है।

म्युचुअल फंड अक्सर सख्त विनियमन की शिकायत करते रहे हैं। क्या उद्योग संगठन के तौर पर आपने इस मुद्दे को सेबी के साथ उठाया है?

नियमन को लेकर गलत कुछ भी नहीं हो रहा है। मजबूत नियमन बाजार के क्रमबद्ध विकास के लिए जरूरी है। इसमें विफल रहने से निवेशकों का भरोसा टूट सकता है। उद्योग के तौर पर हम सेबी द्वारा पेश किए जाने वाले नियमों का स्वागत करते हैं।

एम्फी ने 2022 में वितरकों के लिए दो पहलें शुरू कीं – इंटर्नशिप स्कीम और एमएफडी करें शुरू। इन्हें कैसी प्रतिक्रिया मिली है?

एमएफडी करें शुरू अभियान को शानदार प्रतिक्रिया मिली है। इंटर्नशिप स्कीम की गति धीमी बनी हुई है। योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान कुछ एएमसी ने संकेत दिया कि वे बड़ी तादाद में इंटर्न में सफल रहेंगे। सेबी ने हमें 5,000 इंटर्न जोड़ने की अनुमति दी है। हम इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

फंडों की पैठ बढ़ाने के लिए क्या योजनाएं बनाई हैं?

हम दो मोर्चों – निवेश जागरूता और वितरण पहुंच में वृद्धि – पर काम कर रहे हैं। निवेशकों के लिए विज्ञापन अभियान पहले से ही चलाए जा रहे हैं और उन्हें अनका अच्छा परिणाम सामने आया है, खासकर सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी के साथ किए गए विज्ञापनों से। निवेशक जागरूकता के लिए हम पारंपरिक बैठकों के साथ साथ इस तरह की कोशिश बरकरार रखेंगे।

यह भी पढ़े: JSPL को RINL की खरीदारी के लिए दिख रहे बेहतर अवसर

क्या आपने इन पहलों के लिए बजट बढ़ाने की योजना बनाई है?

निवेशक जागरूकता कार्यक्रमों के लिए खर्च हर साल बढ़ता है। ‘एमएफडी करें शुरू’ के मामले में कुछ सीमाएं हैं, क्योंकि एम्फी अपने वित्त के जरिये इसे आगे बढ़ा रहा है। लेकिन मेरा मानना है कि इन कार्यकमों के लिए बजट बढ़ेगा।

बजट पेशकशों के संदर्भ में आपके महत्वपूर्ण प्रस्ताव कौन से हैं? उनसे उद्योग तथा निवेशकों को क्या लाभ मिलेगा?

प्रमुख प्रस्ताव सभी निवेश विकल्पों को समान राह पर लाना है। उदाहरण के लिए, आपको डायरेक्ट डिबेंचर में निवेश इंडेक्सेशन लाभ पाने के लिए सिर्फ एक साल बनाए रखने की जरूरत हो, जबकि डेट फंड निवेशकों को तीन साल इंतजार करना होगा। यदि ये प्रस्ताव अमल में लाए गए तो म्युचुअल फंडों में ज्यादा पूंजी आएगी।

First Published - December 18, 2022 | 10:56 PM IST

संबंधित पोस्ट