कैलेंडर वर्ष 2023 की लगातार चौथी तिमाही में परिधान रिटेल क्षेत्र ने सुस्त प्रदर्शन दर्ज किया है। त्योहारी और शादियों के सीजन के बावजूद कई रिटेल कंपनियों ने एक अंक की वृद्धि या स्टोर बिक्री में गिरावट दर्ज की। पहले से ही सुस्त मांग परिवेश को तिमाही के दौरान बढ़ती मुद्रास्फीति और श्राद्ध ने और बिगाड़ दिया। जहां रिटेल दिग्गजों की राजस्व वृद्धि सालाना आधार पर 20-25 प्रतिशत रही, वहीं इसे नए स्टोर खुलने से बड़ी मदद मिली। सूचीबद्ध कंपनियों में ट्रेंट इन सबसे काफी अलग रही और उसने स्टोरों की संख्या बढ़ाकर 50 प्रतिशत से ज्यादा राजस्व वृद्धि दर्ज की।
आईआईएफएल रिसर्च का मानना है कि उनके कवरेज वाली कंपनियों (ट्रेंट को छोड़कर) के लिए समेकित बिक्री 12 प्रतिशत तक रही, जबकि एक साल पहले की अवधियों के मुकाबले जुलाई-सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर तिमाहियों की तुलना में वृद्धि 7 प्रतिशत रही। ब्रोकरेज के विश्लेषक पर्सी पंथकी का मानना है कि कुल मांग रुझान सुस्त बना हुआ है और सभी कंपनियों के प्रबंधन ने अल्पावधि के लिए मजबूत अनुमान नहीं जताए हैं।
फिलिपकैपिटल (इंडिया) का भी मानना है कि अल्पावधि में वृद्धि चुनौतीपूर्ण होगी। फिलिपकैपिटल के शोध विश्लेषकों अंकित केडिया और राहुल जैन का कहना है, ‘सर्दियों की जोरदार मांग जनवरी 2024 तक पहुंच जाने बावजूद अल्पावधि परिदृश्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है, क्योंकि ज्यादातर रिटेलर ने 2023-24 की चौथी तिमाही में खपत रुझान में बदलाव नहीं देखा। इसलिए, हमें लाइक-टु-लाइक सेल सपाट बने रहने का अनुमान है।’
दिसंबर तिमाही में जहां मार्जिन में इजाफा दर्ज किया गया, वहीं भविष्य में कच्चे माल के मोर्चे पर कुछ दबाव देखा जा सकता है। तिमाही में मुनाफे में सुधार आया क्योंकि सकल मार्जिन एक साल पहले के मुकाबले 28 आधार अंक तक बढ़ा। फिलिपकैपिटल के कवरेज वाली 18 रिटेल कंपनियों के लिए कच्चे माल की कीमतें घटने से सकल मार्जिन में सुधार दर्ज किया गया। ब्रोकरेज का मानना है कि औसत कपास कीमतें एक साल पहले की अवधि के मुकाबले वित्त वर्ष 2024 के 9 महीनों 30 फीसदी और तीसरी तिमाही में 15 प्रतिशत तक नीचे आईं।
ब्रोकरेज के केडिया और जैन का कहना है , ‘तिमाही आधार पर सकल मार्जिन में लगातार सुधार आने की संभावना है क्योंकि कम लागत वाली इन्वेंट्री आना शुरू हो गई है। हालांकि कच्चे माल की कम लागत के फायदे पर दिसंबर 2023 में सीजन सेल जल्द समाप्त होने, सर्दी के मौसम में देरी, अनुमान से कम शादियों और त्योहारी मांग और सुस्त बाजार के कारण ब्रांडों पर कीमतें घटाने का दबाव जैसे कारकों का प्रभाव पड़ा।’
फरवरी में कम फसल आवक की वजह से भारतीय कपास की कीमतें 5 प्रतिशत तक बढ़ीं। इससे खासकर उन अपैरल कंपनियों का मार्जिन परिदृश्य प्रभावित हो सकता है जो सुस्त मांग से जूझ रही हैं। परिचालन मुनाफा स्तर पर ट्रेंट अलग रही और उसने 85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। मार्जिन भी 336 आधार अंक बढ़कर 18.8 प्रतिशत हो गई। जहां पेज इंडस्ट्रीज ने एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 4.5 प्रतिशत की मात्रा वृद्धि के बावजूद सपाट बिक्री दर्ज की वहीं उसका मार्जिन 2.63 प्रतिशत बढ़कर 18.7 फीसदी हो गया।
आदित्य बिड़ला फैशन रिटेल ने राजस्व में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जबकि परिचालन मुनाफा 27 प्रतिशत बढ़ा। मार्जिन 13.3 प्रतिशत पर रहा जो एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 141 आधार अंक अधिक था। पेंटालून ने लागत नियंत्रण की मदद से अनुमान से बेहतर मार्जिन दर्ज किया। इस वजह से उसका परिचालन मुनाफा अनुमान से बेहतर रहा।
मंदी के बीच मजबूत प्रदर्शन की वजह से ट्रेंट अपैरल रिटेल सेगमेंट में पसंदीदा शेयर बना हुआ है। नुवामा रिसर्च इस शेयर पर उत्साहित है। वहीं पेज इंडस्ट्रीज पर उसने सतर्क नजरिया अपनाया है।
शेयरखान रिसर्च और फिलिपकैपिटल का भी ट्रेंट पसंदीदा शेयर है। स्मॉलकैप सेगमेंट में फिलिपकैपिटल ने शॉपर्स स्टॉप पर दांव लगाया है जबकि एबीएफआरएल और पेज इंडस्ट्रीज पर उसने तटस्थ रुख बरकरार रखा है। आईआईएफएल रिसर्च ने ट्रेंट और शॉपर्स स्टॉप पर ‘खरीदें’ रेटिंग दी है जबकि एबीएफआरएल, पेज इंडस्ट्रीज और गो फैशन (इंडिया) पर ‘जोड़ें’ रेटिंग दी है।