देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध अस्पताल कंपनी अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज का शेयर 1 जनवरी से 20 प्रतिशत तक चढ़ा है और इसमें से आधी से ज्यादा तेजी पिछले पखवाड़े में आई। वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर तिमाही में अनुमान से बेहतर प्रदर्शन की वजह से आय अपग्रेड को बढ़ावा मिला है जबकि क्षमता विस्तार और प्रति बेड बढ़ते राजस्व से अगले दो साल में कंपनी को राजस्व और मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलेगी।
जहां कुल राजस्व एक साल पहले के मुकाबले 13.8 प्रतिशत बढ़कर 4,850 करोड़ रुपये हो गया वहीं हॉस्पिटल सेगमेंट (कुल राजस्व में करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा की भागीदारी) 12 प्रतिशत बढ़कर 2,463 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बदलते मौसम का असर और दिसंबर तिमाही में तूफान के बावजूद कंपनी का अस्पताल राजस्व अनुमान से बेहतर रहा।
जहां राजस्व में 7.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी बिक्री वृद्धि के कारण हुई वहीं शेष को कीमत/केस मिश्रण से मदद मिली। कंपनी के लिए परिचालन मानक मजबूत थे। कंपनी के बेड की संख्या 7,911 है। जहां अस्पताल में मरीजों के ठहरने की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले 1 प्रतिशत बढ़कर 66 प्रतिशत रही वहीं तिमाही आधार पर इसमें 2 प्रतिशत की कमी आई।
प्रति बेड औसत राजस्व एक साल पहले के मुकाबले 10 प्रतिशत बढ़कर 56,368 रुपये रहा लेकिन तिमाही आधार पर इसमें 2 प्रतिशत की कमी आई। कंपनी 3,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च के साथ अगले चार साल के दौरान 2,000 बेड के विस्तार पर ध्यान दे रही है।
कम कर्मचारी लागत और अन्य खर्च में कमी की मदद से कंपनी के लिए कुल परिचालन मुनाफा मार्जिन सालाना आधार पर 80 आधार अंक तक बढ़कर 12.7 प्रतिशत होने का अनुमान है। कर्मचारी लागत और अन्य खर्च बिक्री के प्रतिशत के तौर पर 40-60 आधार अंक तक घटा है। इस मोर्चे पर कुछ लाभ पर कच्चे माल की लागत में वृद्धि से प्रभाव पड़ा है।
सेगमेंटों की बात की जाए तो पता चलता है कि चिकित्सकों और विपणन की लागत में निवेश को देखते हुए अस्पताल खंड का मार्जिन एक साल पहले के मुकाबले 95 आधार अंक घटकर 23.8 प्रतिशत रह गया। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 119 स्टोर खुलने के बाद कुल संख्या बढ़कर 5,790 हो गई।
अपोलो 24/7 की सकल व्यावसायिक वैल्यू 660 करोड़ रुपये थी जो सालाना आधार पर 21 प्रतिशत अधिक है। हालांकि तिमाही आधार पर इसमें 9 प्रतिशत तक की कमी आई है।
हेल्थ को के अनुमान से पहले मुनाफे में तब्दील होने से कंपनी ने परिचालन स्तर पर भी डिजिटल व्यवसाय में सुधार का लक्ष्य रखा है। उसकी नजर डिजिटल थेरेप्यूटिक्स, बीमा वितरण, एप्लीकेशन और राजस्व बढ़ाने तथा नकद खर्च घटाने के लिए वेबसाइट इस्तेमाल पर भी है।
नुवामा रिसर्च की इक्विटी शोध विश्लेषक आशिता जैन ने कहा कि मध्यावधि में मार्जिन दबाव घटेगा जिसे देखते हुए स्थिति उत्साहजनक है। ब्रोकरेज फर्म ने इस शेयर के लिए ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च ने अगले दो वर्षों की अवधि को ध्यान में रखकर कंपनी के लिए अपना आय अनुमान 2-3 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च ने भी इस शेयर को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है और राजस्व 15 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान जताया है।