वैश्विक बाजारों में बिकवाली के बीच देसी शेयर बाजार में भी आज गिरावट देखी गई। अमेरिकी फेडरल रिवर्ज के अधिकारियों के बयान से निवेशक अंदाज लगा रहे हैं कि केंद्रीय बैंक का रुख सतर्क रह सकता है, जिसका असर दुनिया भर के बाजारों में दिख रहा है।
कारोबार के दौरान बेंचमार्क Sensex 809 अंक तक लुढ़क गया था, लेकिन अंतिम आधे घंटे में इसने नुकसान की कुछ भरपाई की और कारोबार की समाप्ति पर 632 अंक नीचे 60,115 पर बंद हुआ। Nifty भी 187 अंक की गिरावट के साथ 17,914 पर बंद हुआ।
फेडरल रिजर्व के दो अधिकारियों ने सोमवार को बयान दिया था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक को दरें 5 फीसदी से ऊपर ले जाने और थोड़े समय तक इसे उच्च स्तर पर बनाए रखने की जरूरत है। इससे निवेशकों में घबराहट बढ़ी है।
अटलांटा फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष राफेल बोस्टिक ने कहा था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक ऊंची मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है और कुछ समय तक दरें 5 से 5.25 फीसदी पर बनाए रखने की जरूरत है। उनसे पूछा गया कि ब्याज दरें 5 फीसदी से ऊपर कितने समय तक रह सकती हैं, तो उन्होंने साफ कहा कि लंबे समय तक।
बोस्टिक ने कहा कि अगर इस हफ्ते मुद्रास्फीति के आंकड़ों में कमी आती है तो दरों में 25 आधार अंक तक बढ़ोतरी की गुंजाइश होगी। अमेरिका में दिसंबर के रोजगार आंकड़ों में 0.1 फीसदी का सुधार हुआ है और कृषि से इतर क्षेत्रों के आंकड़े भी उम्मीद से बेहतर रहे हैं। मगर प्रति घंटा औसत कमाई नवंबर की तुलना में महज 0.3 फीसदी बढ़ी है।
वेतन में मामूली बढ़ोतरी देखते हुए बाजार का एक धड़ा उम्मीद कर रहा है कि फेड दरों में ज्यादा वृद्धि शायद न करे। फेडरल रिजर्व महंगाई को 2 फीसदी से नीचे लाने के लक्ष्य में पारिश्रमिक की सुस्ती का भी ध्यान रखता है।
इस बीच सैन फ्रांसिस्को फेड की अध्यक्ष मैरी डेली ने उम्मीद जताई कि फेडरल रिजर्व दरों को 5 फीसदी से ऊपर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में जीत की घोषणा करना अभी जल्दबाजी होगी।
हालांकि इस साल बोस्टिक और डेली ने दरों पर मतदान नहीं किया। इसलिए निवेशक दरों पर किसी तरह का अंदाजा लगाने के लिए फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान का इंतजार कर रहे हैं।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने दिसंबर में दर वृद्धि की रफ्तार थोड़ी कम की थी, लेकिन कहा था कि मुद्रास्फीति को 2 फीसदी के लक्षित दायरे में लाने के लिए दरें उच्च स्तर पर रखनी पड़ेंगी। फेड के अधिकारी फरवरी में दरें 50 से 25 आधार अंक और बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन ट्रेडर 25 आधार अंक की वृद्धि पर दांव लगा रहे हैं।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘ब्याज दरें उच्चतम स्तर पर पहुंचने के संकेत मिलने तक बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। एफओएमसी की पिछली बैठक में 4.8 से 5 फीसदी को उच्चतम माना जा रहा था, लेकिन अब इसके 5 फीसदी से ऊपर पहुंचने के संकेत हैं, जिससे निवेशकों में घबराहट देखी जा रही है।’
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में रिटेल शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘निवेशकों में घबराहट की वजह से पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। फेड चेयरमैन के बयान से पहले वैश्विक स्तर पर सतर्कता के कारण भी उतार-चढ़ाव का माहौल है।’
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2,109 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की और देसी संस्थागत निवेशकों ने 1,806 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.5 फीसदी और एचडीएफसी बैंक में 1.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। आईसीआईसीआई बैंक भी 1.5 फीसदी नीचे बंद हुआ।