चक्रवातों से अक्सर दो-चार होने वाले अमेरिका का आर्थिक मंदी का चक्रवात अब भारत समेत समूची दुनिया को अपने पंजे में जकड़ चुका है।
दुनियाभर के शेयर बाजारों के धराशायी होने के चलते बंबई स्टॉक एक्सेचेंज का सेंसेक्स भी बुधवार को जबरदस्त उतार-चढ़ाव के बीच 367 अंकों की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ।
कारोबार की शुरुआत में तो यह 11,000 अंक के नीचे भी चला गया, जो दो वर्ष का सबसे निचला स्तर है। सेंसेक्स कारोबार के दौरान 954 अंक यानी लगभग आठ प्रतिशत टूटकर 10,740.76 अंक के स्तर को छू गया, जो अगस्त 2006 के बाद का निम्नतम स्तर है।
हालांकि कारोबार के अंत में सेंसेक्स में काफी सुधार देखने को मिला। यह सुधार जबरदस्त गिरावट से बचाव के लिए आगे आए घरेलू निधियों की लिवाली से हुआ। इस लिवाली के चलते सेंसेक्स दोबारा 11,000 अंक के स्तर को छू गया और अंत में 366.88 अंकों की गिरावट प्रदर्शित करता हुआ 11,328.36 अंक पर बंद हुआ।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 92.95 अंक लुढ़ककर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह एक समय में 3,329.45 अंक तक नीचे चला गया था।